शत्रुघ्न सिन्हा ने फिर अपनाये बागी तेवर, DNA विवाद पर PM मोदी को दी सलाह !
मुंबई/नयी दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता एवं भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा एक बार फिर पार्टी विरोधी बयान देकर चर्चा में आ गये है. बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही उनके बगावती तेवर से भाजपा भी असहज दिखने लगी है. शत्रुघ्न सिन्हा ने शुक्रवार को कहा है कि बिहार की अस्मिता को चोट पहुंचाने वाले […]
मुंबई/नयी दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता एवं भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा एक बार फिर पार्टी विरोधी बयान देकर चर्चा में आ गये है. बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही उनके बगावती तेवर से भाजपा भी असहज दिखने लगी है. शत्रुघ्न सिन्हा ने शुक्रवार को कहा है कि बिहार की अस्मिता को चोट पहुंचाने वाले बयानों से सबको बचना चाहिए. शत्रुघ्न सिन्हा ने संकेतों में नसीहत देते हुए कहा कि बोलते हुए शब्दों का ख्याल रखा जाना चाहिए और बिहारी अस्मिता पर किसी को भी चोट नही पहुंचाना चाहिए. भाजपा सांसद ने यह बात मुंबई में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कही है.
न्यूज एजेंसियों के मुताबिक मुंबई में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की बिहारियों के डीएनए को लेकर दी गयी टिप्पणी के संबंध में पूछे गये पत्रकारों के सवाल के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बिहारी अस्मिता पर बोलते हुए शब्दों का खयाल रखें और कोई भी बिहार की अस्मिता पर चोट न करें. अपने अंदाज में बिना किसी पार्टी नेता का नाम लिये बगैर पटना साहिब से भाजपा सांसद ने कहा कि चुनाव तो कल चले जाएंगे. लेकिन ऐसे बयानों की चुभन बरकरार रहेगी. गौर हो कि बीते 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर में एनडीए की रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार के डीएनए में ही दोष है, जिसके बाद से यह एक बड़ा चुनावी बहस का मुद्दा बन गया है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र के बर्बाद होने लिए हम सब जिम्मेदार हैं. जो बहस आखिर में हुई वह पहले हो जाती तो क्या बुरा था. शत्रुघ्न सिन्हा ने संसद में कांग्रेस सांसदों के निलंबन पर भी दुख जताते हुए कहा कि जो निलंबित हुए वे हमारे साथी हैं. उनके निलंबन से पीड़ा हुई.
उधर, शत्रुघ्न सिन्हा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वह गलत ट्रैक पर चले गये हैं. उल्लेखनीय है कि शत्रुघ्न सिन्हा बीच-बीच में पार्टी लाइन के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उनकी पार्टी विरोधी उनके बयानों व गतिविधियों से पार्टी के नेता खुद को कई मंचों पर असहज महसूस करते दिखने लगे है.