नाकामी छुपाने को दुष्प्रचार कर रहे महागंठबंधन के नेता: नंदकिशोर

पटना :विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने महागंठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा है कि जदयू-राजद-कांग्रेस के दुष्प्रचार अभियान का जवाब भाजपा विकास, सुशासन और जनहित के कदमों से देती रहेगी. बेमेल गंठबंधन का नया नारा है-न खुद काम करेंगे, न केंद्र को करने देंगे, जनता को बरगलाएंगे और झांसा देकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2015 4:40 AM

पटना :विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने महागंठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा है कि जदयू-राजद-कांग्रेस के दुष्प्रचार अभियान का जवाब भाजपा विकास, सुशासन और जनहित के कदमों से देती रहेगी. बेमेल गंठबंधन का नया नारा है-न खुद काम करेंगे, न केंद्र को करने देंगे, जनता को बरगलाएंगे और झांसा देकर फिर सरकार बनायेंगे.

उन्होंने कहा कि बिहार में 15 साल तक कुशासन की सरकार चलाने वाले राजद और 40 साल तक विकास विरोधी सरकार चलाने वाली कांग्रेस जैसी पार्टियां भी साल-सवा साल की केंद्र सरकार के बारे में गलतबयानी करती फिर रही है कि वादे पूरे नहीं हुए. जिस जदयू ने दो साल के भीतर इन दोनों दलों से मिलकर बिहार को गर्त में धकेल दिया, वो भी अपनी नाकामी छिपाने के लिए बढ़-चढ़कर झूठे आरोप लगा रहा है. श्री यादव ने कहा कि भाजपा की प्राथमिकता बिहार है, जनहित है. प्रधानमंत्री ने हर खेत में पानी की योजना को साकार करने के लिए 50 हजार करोड़ की सिंचाई योजना शुरू की है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा बिहार के किसानों को होगा.
बिहार में खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए खगड़िया और रोहतास में फूड पार्क का शिलान्यास हो चुका है. बरौनी खाद कारखाना के जीर्णोद्घार के लिए केंद्र 500 करोड़ रुपये लगा रहा है. औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए करों में रियायत का ऐलान प्रधानमंत्री मुजफ्फरपुर रैली में ही कर चुके हैं. अगले तीन साल में देश के जिन 18, 500 गांवों में बिजली पहुंचाई जानी है, उनमें सबसे ज्यादा गांव बिहार के हैं. साढ़े तीन महीने के भीतर देश के 10 करोड़ लोग सामाजिक बीमा के दायरे में लाए जा चुके हैं.
श्री यादव ने कहा कि भाजपा के लिए विकास मुख्य मुद्दा है और हम जनता के सामने केंद्र के काम लेकर जा रहे हैं, दूसरी ओर ये लोग जनता के सामने बाल-नाखून लेकर जा रहे हैं. भाजपा जनता के सामने बिहार के विकास का एजेंडा रख रही है, ये जनता के सामने उस जाति रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का एजेंडा रख रहे हैं, जिसका काम बिहार सरकार ने अभी पूरा ही नहीं किया है.

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