नीतीश ने बिहार में सीटों की साझेदारी पर राकांपा का अल्टीमेटम खारिज किया
पटना : विधानसभा चुनाव के लिए सीटों की साझेदारी के फार्मूले पर 20 अगस्त तक पुनर्विचार करने का राकांपा द्वारा अल्टीमेटम देने एवं 12 सीटों पर जोर देने के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज इस फार्मूले पर पुनर्विचार से बिल्कुल इनकार किया. कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमने राकांपा के लिए […]
पटना : विधानसभा चुनाव के लिए सीटों की साझेदारी के फार्मूले पर 20 अगस्त तक पुनर्विचार करने का राकांपा द्वारा अल्टीमेटम देने एवं 12 सीटों पर जोर देने के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज इस फार्मूले पर पुनर्विचार से बिल्कुल इनकार किया.
कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमने राकांपा के लिए तीन सीटें छोडी हैं और हमारे बजाय उसे तय करना है कि वह धर्मनिपेक्ष महागठबंधन में रहना चाहती है या नहीं. हाल के बिहार विधान परिषद चुनाव में जदयू-राजद गठबंधन का हिस्सा रही शरद पवार की राकांपा ने कल बिहार के धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन को सीटों की साझेदारी के फार्मूले पर 20 अगस्त तक पुनर्विचार करने का अल्टीमेटम दिया था, अन्यथा पार्टी के लिए सारे विकल्प खुले होने की बात कही थी.
राकांपा महासचिव तारिक अनवर ने कहा था, सीटों की साझेदारी में अन्याय किया गया है. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम महागठबंधन को सीटों के वितरण पर 20 अगस्त तक पुनर्विचार करने का अल्टीमेटम दे रहे हैं, अन्यथा हमारे लिए सारे विकल्प खुले हैं. गेंद उनके पाले में है.
कटिहार से लोकसभा सदस्य अनवर ने कहा था, हम 12 से कम सीटों पर नहीं मानेंगे. यह हमारी मांग है और उसकी स्वीकृति या खारिज किया जाना तय करेगा कि हम महागठबंधन में रहेंगे या उससे निकल जायेंगे. बारह अगस्त को जदयू और राजद ने 243 सदस्यीय विधानसभा की 100-100 सीटों चुनाव लड़ने का फैसला किया था और 40 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी थी. बाकी तीन सीटों के लिए कोई घोषणा नहीं की गयी थी लेकिन कुमार ने संकेत दिया था कि यदि राकांपा उनके साथ आना चाहती है तो इन सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
पहले ही महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जा चुके कुमार ने यह कहते हुए राकांपा के विरोध प्रदर्शन और समाजवादी पार्टी के एक वर्ग के धरने को कमतर करने की कोशिश की, यदि सबकुछ इतनी आसानी हो जाए तो मीडिया को लिखने के लिए कुछ होगा ही नहीं.
सीटों की साझेदारी में समाजवादी पार्टी के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी गयी है जबकि उसके अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने ही भाजपा से टक्कर लेने के वास्ते गठबंधन बनाने का रास्ता प्रशस्त करने के लिए जदयू नेता कुमार एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बीच शांति समझौता कराया था. भाजपा रामविलास पासवान की लोजपा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है और उसने 10 साल से सत्ता पर काबिज जदयू को अपदस्थ करने की ठान ली है. लालू ने कहा था कि यदि जरुरत महसूस हुई तो वह अपने कोटे से समाजवादी पार्टी के लिए कुछ सीटें छोडेंगे.
कुमार ने कहा कि पटना में 30 अगस्त को धर्मनिरपेक्ष गठबंधन की रैली महत्वपूर्ण होगी लेकिन उसमें सपा नेता मुलायम सिंह यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल होने की संभावना संबंधी खबर की पुष्टि करने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा, हम इस पर चर्चा कर रहे हैं और मीडिया को समय पर सूचित किया जाएगा. लेकिन कुमार ने कहा, 19 अगस्त को दिल्ली में बिहार सम्मान समारोह के लिए केजरीवाल से न्यौता आया है और मैंने उसे स्वीकार कर लिया है. कुमार और केजरीवाल कई बार एक दूसरे से मिल चुके है और एक-दूसरे की प्रशंसा कर चुके हैं.