बाहर से पैसा आकर यहां हो जाता है गायब

इओयू ने जारी किया नंबर- 0612-2215522 आरबीआइ की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे वेस्टर्न मनी ट्रांसफर के वेंडर पटना : बाहर यानी विदेशों से पैसे बिहार में आ रहे हैं और यहां आकर गायब हो जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) समेत तमाम जांच एजेंसियों के लिए यह सबसे बड़ी चिंता की बात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2015 2:41 AM
इओयू ने जारी किया नंबर- 0612-2215522
आरबीआइ की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे वेस्टर्न मनी ट्रांसफर के वेंडर
पटना : बाहर यानी विदेशों से पैसे बिहार में आ रहे हैं और यहां आकर गायब हो जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) समेत तमाम जांच एजेंसियों के लिए यह सबसे बड़ी चिंता की बात है. अभी तक हुई जांच में पैसा उठाने वाले किसी सटीक व्यक्ति या गिरोह गिरफ्त में नहीं आया है. पैसे के इस अवैध कारोबार में वेस्टर्न मनी ट्रांसफर के वेंडर के शामिल होने की बात तो सामने आ गयी है. इसके सबूत भी कई मामलों में सामने आये हैं. इस मसले पर इओयू ने कुछ स्थानों पर वेंडरों से गहन पूछताछ भी की है. कुछ और वेंडरों की गिरफ्तारी करके पूछताछ की जा सकती है.
अब तक हुई जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि कई मामलों में वेस्टर्न मनी ट्रांसफर के वेंडर आरबीआइ (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) की तरफ से तय नियम-कायदों का पालन नहीं कर रहे हैं. इस कारण से भी पैसे की इस कालाबाजारी बड़ी आसानी से हो रही है. पैसे उठानेवाले की बिना सटीक पहचान किये ही पैसे का पेमेंट किया जा रहा है. इसमें वेंडरों की मिलीभगत की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है.इओयू ने इस मामले में एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इस पर वैसे व्यक्ति सूचना दे सकते हैं, जिनके साथ इस तरह की धोखाधड़ी हुई है या उन्हें इस तरह के मामले में किसी तरह की विशेष जानकारी हो.
जांच में इस बात का भी पता चला है कि जिन बैंक खातों में ये रुपये मंगवाये जा रहे हैं, वे भी फेक या गलत पहचान (आइडेंटिटी) के आधार पर खोले गये हैं. प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बड़ी संख्या में ऐसे खाते भी खुल गये हैं, जिनकी पहचान सही नहीं है. हालांकि, बैंकों ने ऐसे खातों की जांच करने के बाद इन्हें बंद करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है. कुछ मामलों में बैंक खाते किसी दूसरे व्यक्ति की आइडेंटिटी पर खोले दिये गये हैं. जिस व्यक्ति की पहचान का उपयोग इसमें किया गया है, उसे इसके बारे में पता तक नहीं है. गलत तरीके से आइडेंटिटी का उपयोग किया जा रहा है.
मनी ट्रांसफर के नियम-कायदे
‘वेस्टर्न मनी ट्रांसफर’ के नियमों के अनुसार, जो व्यक्ति विदेश से भारत में किसी व्यक्ति को पैसे भेजने के लिए पैसा इसमें डालता है. उसे एक गुप्त कोड दिया जाता है. इस कोड को वह अपने सगे संबंधियों को बताता है, तभी भारत या बिहार में उस व्यक्ति को पैसा मिलते हैं. यह कोड इतना गुप्ता होता है कि इसकी जानकारी किसी को नहीं यहां तक कंपनी के कर्मचारी तक को नहीं होती है.
इस कोड के साथ पैसा लेने वाले व्यक्ति के आइडी की पूरी तरह से जांच करने के बाद ही पैसे दिये जाते हैं. 50 हजार से कम रुपये ही कैश के रूप में दिये जाते हैं. इससे ज्यादा रकम होने पर डीडी या चेक दिया जाता है. फर्जीवाड़ा करने वाले 50 हजार से कम रुपये ही कैश के रूप में कई बार करके निकाल ले रहे हैं. गुप्त कोड कहां से और कैसे लिक हो रहा है, इसकी जांच भी की जा रही है.

Next Article

Exit mobile version