मरीज ऑपरेशन टेबुल पर परिजन खून के लिए बेहाल

डॉक्टर की गलती : डोनर देने पर भी ए निगेटिव मरीजों को नहीं मिलता खून पटना : पीएमसीएच या आइजीआइएमएस के ब्लड बैंक में अगर आपको निगेटिव ग्रुप का ब्लड लेना है, तो इसके बदले आपको भी निगेटिव ग्रुप का ब्लड ही डोनेट करना होगा़ अगर आप निगेटिव ग्रुप का ब्लड डोनेट नहीं कर पाते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2015 2:43 AM
डॉक्टर की गलती : डोनर देने पर भी ए निगेटिव मरीजों को नहीं मिलता खून
पटना : पीएमसीएच या आइजीआइएमएस के ब्लड बैंक में अगर आपको निगेटिव ग्रुप का ब्लड लेना है, तो इसके बदले आपको भी निगेटिव ग्रुप का ब्लड ही डोनेट करना होगा़ अगर आप निगेटिव ग्रुप का ब्लड डोनेट नहीं कर पाते हैं, तो इसके बदले कम -से-कम दो पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड डोनेट करना होगा़ जी हां, राज्य के इन दो बड़े अस्पतालों में आनेवाले मरीज व उनके परिजनों को हर दिन परेशानियों से जूझना पड़ रहा है़ इंचार्ज ऑपरेशन टेबुल पर जा चुके मरीजों को भी खून नहीं दे रहे हैं.
उसी ग्रुप का डोनर चाहिए, तभी मिलेगा खून
आइजीआइएमएस में भरती कृष्ण कुमार सिंह के परिजनों को भी ए निगेटिव ग्रुप ब्लड के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े़ ब्लड बैंक मैनेजर ने कहा कि जिस यूनिट का ब्लड आप ले रहे हैं उसी ग्रुप का डोनर चाहिए़ वरना खनू नहीं मिलेगा़ जबकि मरीज ऑपरेशन टेबल पर था़ काफी पैरवी के बाद उसे खून मिल सका़
पीएमसीएच में सहरसा के मरीज हुए शिकार
पीएमसीएच में सहरसा से आये मरीज संजय कुमार व उनके परिजनों को इसका शिकार होना पड़ा़ डॉक्टर ने परिजन को ऑपरेशन के पहले एक यूनिट ब्लड रखने को कहा था़ परिजन जब अस्पताल के ब्लड बैंक में गये, तो वहां ए निगेटिव ग्रुप मौजूद था़ लेकिन, यूनिट इंचार्ज ने देने से इनकार कर दिया़ यूनिट इंचार्जने कहा कि निगेटिव ब्लड के एक यूनिट के बदले दो यूनिट पॉजिटिव ब्लड देना पड़ेगा़ इसके बाद परिजन घंटों परेशान रहे़
आखिरकार उसे ब्लड मिला़
डॉक्टर भी नहीं करते ब्लड बैंक से खून की मांग
डॉक्टर इलाज के दौरान परिजनों को खून लाने को कह देते हैं इसके बाद उनकी जिम्मेवारी खत्म हो जाती है़ लेकिन, देखा जाये तो ऑपरेशन के पहले डॉक्टर को भी ब्लड बैंक से तालमेल कर लेना चािहए़ उसके बाद मरीज को ओटी में ले जाना चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है और परिजनों को खून के लिए दौड़ना पड़ता है और कभी-कभी ऑपरेशन टल जाता है, तो कभी खून स्टोर किये बिना भगवान भरोसे ऑपरेशन हो जाता है़ ऐसे में मरीज की हालत गंभीर होती है, तो वह अपना पल्ला झाड़ लेते हैं और कहते हैं कि हमने खून के लिए आपको बोला था़

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