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नीतीश का शत्रुघ्न को तोहफा, पिता के नाम पर रखा कॉलेज का नाम

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा की हाल में बढती नजदीकियों के बीच राज्य सरकार ने पटना से भाजपा सांसद शत्रुघ्न के पिता के नाम पर एक महाविद्यालय का नाम रखा है. नीतीश की अध्यक्षता में बीती रात्रि संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान पटना साहिब से भाजपा […]

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा की हाल में बढती नजदीकियों के बीच राज्य सरकार ने पटना से भाजपा सांसद शत्रुघ्न के पिता के नाम पर एक महाविद्यालय का नाम रखा है. नीतीश की अध्यक्षता में बीती रात्रि संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान पटना साहिब से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के पिता दिवंगत बी पी सिन्हा के नाम पर स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के एक सरकारी महाविद्यालय का नाम रखे जाने का निर्णय लिया गया.यह मामला प्रदेश के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के समक्ष वर्ष 2009-10 जब भाजपा नीतीश सरकार में शामिल थी के समय से लंबित पडा था.

शत्रुघ्न ने नीतीश सरकार द्वारा अपने पिता बी पी सिन्हा के नाम उक्त स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय का नाम रखे जाने पर राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने बताया कि इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वे व्यक्तिगत तौर पर आभार व्यक्त करते हैं. उल्लेखनीय है कि भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल रहे तथा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा पार्टी में महत्व नहीं दिए जाने को लेकर अपनी नाराजगी प्रकट कर चुके हैं और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार का अपना दौरे (गत 25 जुलाई को) के कुछ ही घंटों बाद रात्रि में नीतीश से उनके घर जाकर मुलाकात की थी और अगले दिन पटना में ही आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद और कांग्रेसी नेताओं सुबोधकांत सहाय और संजय निरुपम के साथ मंच साझा किया था.
गत 25 जुलाई को नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा के दौरान शत्रुघ्न मंच पर मौजूद थे पर मुजफ्फरपुर की मोदी की परिवर्तन रैली में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि उसके बाद प्रधानमंत्री की मुजफ्फरपुर, गया और सहरसा में आयोजित रैलियों में उनकी पार्टी के ही कुछ नेताओं के कारण उनमें शामिल होने के लिए उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया इसलिए वे शामिल नहीं हो सके.इससे पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पटना के गांधी मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किए जाने शत्रुघ्न उसमें शामिल नहीं हुए थे.
गत 3 अगस्त को नीतीश ने शत्रुघ्न से अपनी हाल में मुलाकातों पर उनकी पत्नी पूनम सिन्हा के बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू के टिकट पर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लडने को लेकर लगाए जा रहे अटकलों को नीतीश और शत्रुघ्न ने खारिज किया था. नीतीश ने शत्रुघ्न से अपनी मुलाकात को व्यक्तिगत बताते हुए कहा था कि उसका कोई भी राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए.
वहीं, शत्रुघ्न ने अपनी पत्नी के जदयू के टिकट पर चुनाव लडने से इंकार करते हुए कहा था कि अगर इसी मुद्दे पर बात करनी थी तो वे नीतीश के घर पर जाने के बजाय उस बारे में उनसे फोन पर ही बात कर सकते थे। हमारी मित्रता और आपस में लगाव इन चीजों से उपर है. अपने पिता के नाम पर उक्त महाविद्यालय का नाम रखे जाने के बारे में शत्रुघ्न ने कहा कि क्या वे इसके हकदार नहीं हैं क्योंकि उस कालेज के प्राचार्य रहे उनके पिता ने 1959-59 तक सींचा था.बी पी सिन्हा का 1979 में निधन हुआ था.
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश हमारे ही लोग इसे नहीं समझ सके और आपसी समझ नहीं होने के कारण अथवा उनकी लोकप्रियता की वजह से अपने को असुरक्षित महसूस करने के कारण उसके लिए कोशिश नहीं की.

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