जदयू को एक और झटका, वरिष्ठ नेता गौतम सिंह रालोसपा में शामिल
पटना : आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व जदयू के वरिष्ठ नेता गौतम सिंह आज भाजपा की सहयोगी पार्टी रालोसपा में आज शामिल हो गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के गत फरवरी से शुरु कार्यकाल को छोडकर इससे पूर्व प्रदेश की जदयू सरकार में लगातार मंत्री रहे गौतम सिंह ने आज रालोसपा […]
पटना : आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व जदयू के वरिष्ठ नेता गौतम सिंह आज भाजपा की सहयोगी पार्टी रालोसपा में आज शामिल हो गए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के गत फरवरी से शुरु कार्यकाल को छोडकर इससे पूर्व प्रदेश की जदयू सरकार में लगातार मंत्री रहे गौतम सिंह ने आज रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में उनकी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.
कभी नीतीश के करीबी माने जाने वाले उपेंद्र ने जदयू की सहयोगी पार्टी राजद के प्रमुख लालू प्रसाद के गढ माने जाने वाले सारण जिला से आने वाले गौतम सिंह का अपनी पार्टी में स्वागत करते हुए आरोप लगाया कि उनका रालोसपा में शामिल होना यह प्रदर्शित करता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पुरानी समता पार्टी के कई नेता घुटन महसूस कर रहे हैं, जिन्होंने सत्ता की लालच में अपना रास्ता बदल लिया है.
सारण जिला के मांझी विधानसभा क्षेत्र से विधायक गौतम सिंह ने इस अवसर पर आरोप लगाया कि ह्यजंगलराजह्ण वाले लालू प्रसाद के साथ हाथ मिलाने का वे शुरु से विरोध करते रहे हैं, पर उनकी बात पार्टी में सुनी नहीं गयी। ह्यजंगलराजह्ण जिसके खिलाफ हम लडे उसे वापस लाने वाले नीतीश को अलविदा करने के लिए वे उचित समय का इंतजार कर रहे जो कि अब आ गया.
भाजपा नीत राजग में घटक दल रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसको लेकर औपचारिक तौर पर बातचीत नहीं शुरु हुई है. हमें विश्वास है कि यह आपसी विचार विमर्श के जरिए जल्द ही तय कर लिया जाएगा.
जारी भाषा अनवर
यह पूछे जाने पर कि रालोसपा को कितनी सीटें मिलने की आशा है, उपेंद्र कुशवाहा ने उसके बारे में बताने से इंकार करते हुए इस बारे में तय राजग की बैठक के दौरान किया जाएगा.
उन्होंने हालांकि हाल में वैशाली जिला में हाल में संपन्न अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक जिसमें बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से भाजपा को 102 अपने पास रखकर बाकी 141 सीटें अन्य घटक दलों के लिए छोडे जाने की मांग की गयी थी। इन 141 सीटों में से रालोसपा ने 74 सीटें दिए जाने और लोजपा के लिए 67 सीटें दिए जाने की मांग की गयी थी। राजग के नए घटक दल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर उस समय राजग का हिस्सा नहीं थी.
उपेंद्र ने कहा कि अब मांझी की पार्टी के राजग में शामिल होने से उसमें कुछ बदलाव जरुरी हो गया है, पर अभी भी हम राजग में घटक दलों को बेहतर प्रतिनिधित्व दिए जाने की उम्मीद रखते हैं.
राजग के अब तक अपने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं घोषित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उपेंद्र ने कहा कि यह राजग की रणनीति का हिस्सा है. राजग का प्रधानमंत्री के चेहरे को आगे करके बिहार विधानसभा चुनाव लडने का निर्णय सबसे अच्छा विकल्प है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार को 1.65 लाख रुपये का विशेष पैकेज देने की घोषणा का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद द्वारा की जा रही आलोचना के लिए उपेंद्र ने उन पर प्रहार किया.
भाषा अनवर