भाजपा के ”शत्रु” ने फिर की नीतीश की तारीफ कहा, उनके फैसलों से सीख लें दूसरी पार्टियां

नयी दिल्ली/ पटना : भारतीय जनता पार्टी के नेता शत्रुध्न सिन्हा ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की है. उन्होंने नीतीश कुमार के उस फैसले की तारीफ की है जिसमें उन्होंने उनको टिकट ना देने का फैसला लिया है जिस पर आपराधिक मामले दर्ज है. नीतीश के इस फैसले की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2015 12:23 PM
नयी दिल्ली/ पटना : भारतीय जनता पार्टी के नेता शत्रुध्न सिन्हा ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की है. उन्होंने नीतीश कुमार के उस फैसले की तारीफ की है जिसमें उन्होंने उनको टिकट ना देने का फैसला लिया है जिस पर आपराधिक मामले दर्ज है. नीतीश के इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा, मुझे उम्मीद है कि इस तरह के फैसले का दूसरी पार्टी भी सम्मान करेगी और आपराधिक छवि वाले लोगों को टिकट ना देने का फैसला लेगी.
शत्रुध्न सिन्हा ने अपने विचार टि्वटर के जरिये साझा किया उन्होंने ट्वीट किया कि चुंकि मैं एक स्वच्छ राजनीति से उभरा हुआ नेता हूं जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, नानाजी देशमुख, लालकृषण आडवाणी जैसे गुरू और मार्गदर्शक रहे हैं इसलिए मैं स्वच्छ राजनीति का समर्थक हूं. मैं हमेशा से राजनीति के आपराधिकरण और अपराधियों के राजनीति में आने का विरोध करता रहा हूं. मैं हमारे मित्र नीतीश कुमार के उस कदम का सम्मान करता हूं जिसमें उन्होंने आपराधिक छवि वाले लोगों को टिकट ना देने का फैसला लिया है. मुझे उम्मीद है कि दूसरी पार्टी के लोग भी इस विचार को अपनायेंगे.
यह पहली बार नहीं है जब शत्रुध्न सिन्हा ने नीतीश कुमार की तारीफ की है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने नीतीश को प्रधानमंत्री पद के लायक बताया था. इतना ही नहीं बिहार में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही वह कई बार नीतीश के साथ खड़े नजर आयी. खबर तो यहां तक आयी की बिहारी बाबू यानि शत्रुध्न सिन्हा भाजपा से रिश्ता तोड़कर नीतीश के साथ जायेंगे लेकिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करकेउन्होंने इस तरह के कयासों पर विराम लगा दिया. इसके बाद खबर आयी की शत्रुध्न सिन्हा की पत्नी जदयू के टिकट से चुनाव लड़ेंगे हालांकि इसकी पुष्टि अबतक नहीं हुई है. लेकिन राजनीति पर विशेष नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि भाजपा के शत्रु के ये बागी तेवर किसी न किसी तरफ तो इशारा कर रहे है.

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