बिहार चुनाव: मुस्लिम-यादव वोट बैंक में बिखराव पर NDA की नजर

पटना: सितंबर-अक्टूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और जदयू-राजद-कांग्रेस के महागंठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना जतायी जा रही है. ऐसे में चुनाव में महागंठबंधन को पटखनी देने और अपनी जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एनडीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के वादे और युवाओं के बीच उनकी अपील के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2015 10:34 AM

पटना: सितंबर-अक्टूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और जदयू-राजद-कांग्रेस के महागंठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना जतायी जा रही है. ऐसे में चुनाव में महागंठबंधन को पटखनी देने और अपनी जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एनडीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के वादे और युवाओं के बीच उनकी अपील के साथ मुस्लिम-यादव समीकरण के बिगड़ने पर भरोसा कर रही है. एनडीए में शामिल प्रमुख घटक दल लोजपा सुप्रीमो एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को इस बात का पूरा भरोसा है कि बिहार की राजनीति में बदलाव का वक्त आ गया है. इसके साथ ही उन्होंने बिहार चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल के हाथ मिला लेने से किसी तरह का नुकसान होने के आसार को खारिज किया है.

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ गंठबंधन के दाग धोने की कोशिश कर रहे हैं और युवाओं के बीच आप नेता केजरीवाल की अपील दिल्ली के बाहर नहीं हैं. पासवान ने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के बीच नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के मुस्लिम यादव समीकरण के मुकाबले भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए का जनाधार कम है, यह सोच सही नहीं है. इसके साथ ही पासवान ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी एनडीए की शह पर बिहार चुनाव में घुस रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि हैदराबाद के सांसद ओवैसी मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगायेंगे. इससे विरोधियों के लिए मुस्लिम यादव समीकरण को बरकरार रखना मुश्किल हो जायेगा. उन्होंने कहा, लालू और नीतीश ने बिहार में अब तक मुस्लिमों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है.

इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. पासवान ने कहा, मुस्लिम यादव समीकरण इस बार टूटेगा और यादव लालू प्रसाद के लिए जमकर वोट नहीं करेंगे. भाजपा के पास भी रामकृपाल यादव और नंदकिशोर यादव जैसे यादव नेता हैं. बिहार में बहुत सारे यादव नेता हैं और भाजपा को उनके जरिए बड़ी संख्या में यादवों का वोट मिलेगा. पासवान ने यह भी कहा, लालू के पंद्रह साल और नीतीश कुमार के दस साल के शासन में मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया गया है. ऐसे में ओवैसी राज्य के सीमांचल में अच्छी-खासी भीड़ जुटा रहे हैं. उनके कार्यक्र म में भीड़ जुटना इस बात का संकेत है कि मुसलमानों का लालू और नीतीश से मोहभंग हो गया है और इससे एनडीए को मदद मिलेगी.

जब पासवान से इस आरोप पर सवाल किया गया कि भाजपा मुस्लिम वोट काटने के लिए ओवैसी को बढ़ावा दे रही है, तो उन्होंने कहा कि सब बेबुनियाद बातें है. ओवैसी के ज्यादातर हमले भाजपा और उसकी अगुवाई वाली एनडीए पर हो रहे हैं. दिल्ली में रह रहे प्रवासी बिहार के लोगों तक पहुंच बनाने की नीतीश कुमार की कोशिश का माखौल बनाते हुए पासवान कहते हैं कि नीतीश और लागू के 25 साल के कुशासन के चलते जिन लोगों को बिहार छोड़ना पड़ा वे क्यों उनकी समर्थन करेंगे.

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