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प्रदेश भाजपा के कुछ नेता मुझे कर रहे दरकिनार : शत्रुघ्न सिन्हा

पटना/नयी दिल्ली (एजेंसियां) : अभिनेता व भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को कुछ ट्वीट करने के बाद प्रदेश के कुछ पार्टी नेताओं पर उन्हें दरकिनार किये जाने का आरोप लगाया. सिन्हा ने कहा, क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक व्यक्ति जो पटना साहिब से पिछले चुनाव में रिकॉर्ड अंतर से जीता हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2015 1:51 AM

पटना/नयी दिल्ली (एजेंसियां) : अभिनेता व भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को कुछ ट्वीट करने के बाद प्रदेश के कुछ पार्टी नेताओं पर उन्हें दरकिनार किये जाने का आरोप लगाया. सिन्हा ने कहा, क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक व्यक्ति जो पटना साहिब से पिछले चुनाव में रिकॉर्ड अंतर से जीता हो और जो लंबे समय तक भाजपा के प्रमुख प्रचारकों में शामिल रहा हो, वह चुनाव के लिए पार्टी की कोर कमेटी में नहीं है.

मेरे लोकसभा क्षेत्र तक में पार्टी के सभी पोस्टरों और होर्डिंगों से मेरा नाम और तसवीर गायब है और मुझे या तो कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया जाता या अंतिम समय में बुलाया जाता है. इस बारे में विस्तार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा नेताओं का एक वर्ग मेरी लोकप्रियता से भयभीत है और मेरे खिलाफ काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ये नेता मेरे खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व के कानों में जहर भर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.

उन्होंने कहा, प्रदेश भाजपा के कुछ नेता मेरे खिलाफ चुगली करके मेरे और केंद्रीय नेतृत्व के बीच दीवार खींचने की कोशिश कर रहे हैं. ये लोग मेरे व्यक्तित्व से डरे हुए हैं और उन्हें डर है कि मैं जनता में उन पर भारी पड़ सकता हूं और इस तरह उन्हें राजनीतिक नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा, अगर मैं पार्टी के कार्यक्रमों में अपनी मौजूदगी से भीड़ को आकर्षित करता हूं, तो अंतत: इससे पार्टी को ही मदद मिलती है. अब मुझे दरकिनार किया जा रहा है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पार्टी में चल रही उठापटक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करेंगे, तो उन्होंने कहा, अगर वे मुझे बुलाते हैं, तो मुझे उनसे मिलना और उन्हें सच बताना अच्छा लगेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को ‘डैशिंग, डायनेमिक और एक्शन हीरो’ कहा और कुछ दिन पहले मुंबई में अपने बेटे की शादी के समारोह में शामिल होने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया.

क्या सिन्हा मंत्री पद नहीं दिये जाने से नाराज हैं, इस पर वाजपेयी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके बिहारी बाबू ने कहा, मेरे समर्थक और परिवार के सदस्य यह सवाल उठाते हैं, फिर भी मैं उनसे कहता हूं कि अपने मंत्रियों का चुनाव करने का विशेषाधिकार प्रधानमत्री का है. सिन्हा 25 जुलाई को बिहार में मोदी के पहले कार्यक्रम में मौजूद थे, लेकिन बाद में मुजफ्फरपुर, गया और सहरसा में उनकी तीन रैलियों में नजर नहीं आये.

पार्टी अनुशासन की ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने की बात को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे बताइए जो मैंने पार्टी अनुशासन के खिलाफ कुछ किया हो या बोला हो. मैं भाजपा में उस समय शामिल हुआ था, जब इसके मात्र दो सांसद थे और उस समय बॉलीवुड का मेरा कैरियर ऊंचे पायदान पर था. मैं पार्टी को नुकसान पहुंचाने के बारे में कभी नहीं सोच सकता.

सिन्हा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात और उनकी तारीफ करना, 24 कांग्रेसी सांसदों को निलंबित किये जाने के खिलाफ टिप्पणियां करना और मुंबई ब्लास्ट के आरोपित याकूब मेमन को फांसी की सजा के खिलाफ याचिका पर दस्तखत किये जाने से भाजपा को बिहार चुनाव से पहले असहज स्थिति का सामना करना पड़ा.

नीतीश कुमार की प्रशंसा किये जाने के मामले में सिन्हा ने कहा कि जेपी, कैलाशपति मिश्रा और नानाजी देशमुख जैसे मेरे राजनीतिक मार्गदर्शकों ने राजनीतिक विरोधियों को ‘दुश्मन’ नहीं मानने की सीख दी थी. नीतीश कुमार फिलहाल देश के कुछ अच्छे मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं. वह परिश्रमी हैं और उन पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं है. हालांकि, उन्होंने अपने लिए नाराज (सल्किंग) शब्द का इस्तेमाल किये जाने पर आपत्ति जतायी. सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ भी की.

इससे पहले उन्होंने ट‌्वीट किया कि कुछ खबरिया चैनलों की अनधिकृत रिपोर्ट कि बिहार चुनाव बाद भाजपा मेरे खिलाफ कार्रवाई करेगी. निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलायी जा रही ऐसी अनधिकृत रिपोर्ट पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा. बहरहाल, लोगों को न्यूटन के तीसरे नियम को नहीं भूलना चाहिए कि हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है.

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