बिहार में नीतीश के साथ कल मंच साझा करेंगे केजरीवाल

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही सूबे में सियासी गतिविधियां तेज हो गयी है. इसी कड़ी में गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप संयोजक अरविंद केजरीवाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक कार्यक्र म में मंच साझा करेंगे. गौर हो कि नीतीश कुमार ने कल पटना में गुड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2015 3:33 PM

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही सूबे में सियासी गतिविधियां तेज हो गयी है. इसी कड़ी में गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप संयोजक अरविंद केजरीवाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक कार्यक्र म में मंच साझा करेंगे. गौर हो कि नीतीश कुमार ने कल पटना में गुड गवर्नेस पर होने वाले एक कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल को न्योता दिया था. जिसे केजरीवाल पहले ही कबूल कर चुके है. इस कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार अपने नये सियासी दोस्त अरविंद केजरीवाल के साथ एक बार फिर मंच साझा करते दिखेंगे. इससे पहले बीते दिनों नयी दिल्ली में आयोजित बिहार सम्मान समारोह के दौरान दोनों प्रमुख नेता एक मंच पर दिखे थे.

बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच होने वाले बिहार सरकार के इस कार्यक्र म के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे है. नीतीश कुमार एवं अरविंद केजरीवाल भले ही साथ खड़े हो गये है. लेकिन कांग्रेस व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के प्रति आप अपने रुख पर कायम रहना चाहती है. दरअसल दिल्ली में कांग्रेस के पुराने कारनामों को आप के नेता अभी तक भूले नही है. वहीं, राजद प्रमुख के साथ जुड़कर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी छवि को आप कही से नुकसान पहुंचाने के मूड में नही दिख रही है. हालांकि इन सब के बावजूद नीतीश के साथ मंच साझा करने का असर बिहार चुनाव पर कितना पड़ेगा यह तो वक्त ही बतायेगा.

गौर हो कि बीते दो महीनों में नीतीश और केजरीवाल की यह पांचवीं मुलाकात थी. नीतीश भली-भांति जानते हैं कि दिल्ली में लाखों की तादाद में बसने वाले बिहार के लोग बिहार की राजनीति में निर्णायक दखल रखते हैं और उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए केजरीवाल एक अहम जरिया साबित हो सकते हैं. वहीं केजरीवाल को भी पता है कि दिल्ली में बिहार के लोगों की सियासी अहमियत क्या है. आखिर आप के 12 विधायक भी पूर्वांचल के ही हैं.

सांस्कृतिक कार्यक्र म के बहाने सियासत
बिहार सम्मान समारोह के बहाने बीते दिनों जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच साझा किया, उसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गयी है. नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल के मंच साझा करने को लेकर तमाम तरह की सियासी कयास लगाये जा रहे है. माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार की तरफ से आयोजित बिहार सम्मान समारोह जैसे सांस्कृतिक कार्यक्र म के बहाने राजनीतिक दल सियासी जमीन तलाशने में जुट गये है. दिल्ली सरकार की तरफ से आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्र म में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला और साफ कर दिया कि बिहार को किसी पैकेज की जरूरत नहीं, बल्किविशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए. उन्होंने केजरीवाल के उस मांग को भी जायज ठहराया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए.

प्रशांत-योगेंद्र ने की आलोचना
केजरीवाल के इस कदम की उनके पुराने सहयोगी आलोचना कर दिखे. स्वराज अभियान चलाने वाले पूर्व आप नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने केजरीवाल के इस फैसले के खिलाफ ट्वीट कर केजरीवाल पर निशाना साधा था. योगेंद्र ने लिखा, नीतीश बिहार में एक करप्ट सरकार के मुखिया हैं, बिल्कुल मनमोहन और मोदी की तरह उनके साथ जुड़कर AAआप की दिल्ली इकाई करप्शन के मुद्दे से समझौता कर रही है. उन्होंने इसे दुख का दिन करार दिया. वहीं, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने लिखा, केजरीवाल का नीतीश को इमानदारी का सिर्टिफकेट देना और नीतीश-लालू गठबंधन का प्रचार करना भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के साथ धोखा है.

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