नयी दिल्ली : सहयोगी दलों की ओर से बढ़ते दबाव के बीच भाजपा ने गुरुवार को संकेत दिया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव के लिये उनके साथ सीट बंटवारे को सितंबर के पहले सप्ताह में अंतिम रुप देगी. भाजपा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों से बिहार में परिवर्तन का एक तूफान खड़ा हो गया है जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कुल मिलाकर 25 वर्षो तक शासन किया. भाजपा ने कहा कि उसकी ओर से आयोजित जनसभाओं में 60 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया.
भाजपा महासचिव एवं बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपने सहयोगी दलों जैसे लोजपा, आरएलएसपी और हम (सेक्युलर) के नेताओं से सीट बंटवारे की व्यवस्था के लिये अनौपचारिक मुलाकातें की हैं और औपचारिक बातचीत सितंबर के पहले सप्ताह में होगी. गौर हो कि महागंठबंधन की ओर से बीते दिनों सीट बंटवारा की घोषणा किये जाने के बाद से ही एनडीए के मुख्य घटक लोजपा एवं रालोसपा सीट शेयरिंग पर फैसला लेने को लेकर भाजपा पर लगातार दबाव बना रहे है.
सूत्रों के मुताबिक विस चुनाव में भाजपा 165-170 सीटों पर, लोजपा 40-45 पर, रालोसपा 20-25 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर सकती है. जबकि अन्य सीटें शेष बचे घटक दलों के छोड़ दी गयी है. इसको लेकर सहमति बनने की बात भी कही जा रही है. हालांकि जब तक आधिकारिक तौर पर एनडीए की ओर से सीट शेयरिंग की घोषणा नहीं हो जाती है तब तक इस मामले में पेंच फंसा ही माना जा सकता है.
इससे पहले राष्ट्रीय लोक समता दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर किसी तरह की मतभेद की खबर से साफइनकार किया है. हालांकि कुशवाहा ने जल्द सीट बंटवारे की बात पर जोर दिया है. उधर, रामविलास पासवान की लोजपा और कुशवाहा की रालोसपा ने भाजपा को 102 सीटों पर ही चुनाव लड़ने और बाकी की 141 सीटें सहयोगियों को देने की बात कही थी.
वहीं, बीते दिनों लोजपा और रालोसपा ने सीट बंटवारे के लिये भाजपा को एक सप्ताह की मोहलत देते हुए कहा था कि सीट बंटवारे में देर करना ठीक नहीं. लोजपा और रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस और अरु ण कुमार ने पटना में एक प्रेसवार्ता कर कहा था कि 243 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 102 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए और शेष सीटें गठबंधन में शामिल दलों के लिए छोड़ देनी चाहिये. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी हाजीपुर में अपनी पार्टी के लिए 67 सीटों की मांग पहले ही कर चुके है.
हालांकि भाजपा आरएलएसपी को इतनी सीटें देने के पक्ष में नहीं है. उधर, लोजपा सांसद चिराग पासवान ने भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर बीते दिनों सीट बंटवारे पर जल्द अंतिम फैसला करने की मांग कर चुके है. ऐसे में आने वाले दिनों में बिहार में एनडीए की राह मुश्किल हो सकती है.