”बाहरी” पर भाजपा में घमसान, सुमो को घेरा

मुजफ्फरपुर: परिवर्तन यात्रा के क्रम में रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे भाजपा विधानमंडल के नेता व सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को सर्किट हाउस में स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा. वे सभी विधानसभा चुनाव में ‘बाहरी’ लोगों को टिकट दिये जानेे की आशंकाओं को लेकर विरोध कर रहे थे. कार्यकर्ताओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2015 1:56 AM
मुजफ्फरपुर: परिवर्तन यात्रा के क्रम में रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे भाजपा विधानमंडल के नेता व सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को सर्किट हाउस में स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा. वे सभी विधानसभा चुनाव में ‘बाहरी’ लोगों को टिकट दिये जानेे की आशंकाओं को लेकर विरोध कर रहे थे.

कार्यकर्ताओं ने सुशील मोदी पर टिकट बेचने का आरोप भी लगाते हुए वापस जाओ, बिहार को दिल्ली नहीं बनाओ के नारे भी लगाये. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जब मोदी औराई जाने के लिए परिवर्तन रथ पर बैठे तो कार्यकर्ताओं ने रथ का रास्ता भी रोक लिया. करीब आधा घंटा तक उन्हें कार्यकर्ताओं के रोष का सामना करना पड़ा. काफी मशक्कत के बाद वे सर्किट हाउस से रवाना हो सके.


कार्यकर्ताओं का सबसे ज्यादा विरोध बरूराज विधायक बृजकिशोर सिंह, सकरा विधायक सुरेश चंचल व मीनापुर विधायक दिनेश कुशवाहा को पार्टी में शामिल किये जाने को लेकर था. कयास लगाये जा रहे हैं कि इन सभी के टिकट तय हैं. कार्यकर्ताओं का कहना था कि एक तरफ पार्टी जंगलराज-1 व 2 को विरोध कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उनके नेताओं को पार्टी में शामिल कर टिकट का तोहफा दिया जा रहा है.
यह आम कार्यकर्ताओं का अपमान है. उनका कहना था कि या तो हाईकमान यह लिख कर दे कि वह जिन 243 उम्मीदवारों को चुनाव में उतारने जा रहा हैं, वे सभी जीत हासिल करेंगे, नहीं तो आम कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाये. यदि वे हार भी जाते हैं तो कोई दु:ख नहीं होगा. लेकिन ऐसा यदि नहीं होता है, और पार्टी बाहरी लोगों को टिकट देती है तो वे तन-मन-धन से उन्हें हराने के लिए काम करेंगे.
चुनाव का समय है, ऐसे में टिकट को लेकर विरोध कोई नयी बात नहीं है. एक सीट के दस-दस उम्मीदवार हैं. ऐसे में विरोध लाजिमी हैं. बिहार में हर जगह ऐसे लोग ‘बाहरी’ लोगों का विरोध कर रहे हैं, जो खुद दो साल पहले पार्टी शामिल हुए हैं. उन्हें समझना चाहिए अभी टिकट नहीं बंटा है. ऑनलाइन कोई भी सदस्य बन सकता है. टिकट का फैसला पार्लियामेंटरी बोर्ड में होगा.
सुशील मोदी, भाजपा नेता, बिहार विधानमंडल

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