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पीएम जी, पद की गरिमा पद से बड़ी होती है : लालू

पटना : भागलपुर में भाजपा की रैली के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने फेसबुक व ट्वीट पर पोस्ट लिखा. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि मोदीजी की बातों से चुनाव घोषणा से पहले ही हार जाने का भाव था. ध्यान रहे आत्ममुग्ध प्रधानमंत्रीजी! पद की गरिमा पद से बड़ी होती है. उन्होंने लिखा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2015 6:46 AM
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पटना : भागलपुर में भाजपा की रैली के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने फेसबुक व ट्वीट पर पोस्ट लिखा. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि मोदीजी की बातों से चुनाव घोषणा से पहले ही हार जाने का भाव था.
ध्यान रहे आत्ममुग्ध प्रधानमंत्रीजी! पद की गरिमा पद से बड़ी होती है. उन्होंने लिखा है कि पीएम साहब, कद्र किरदार की होती है वरना कद मे तो साया भी इंसान से बा होता है.
बात करने से पूर्व आंकड़े समझ लेते तो अच्छा था. बिहार आंकड़ों की सारी परत खोलकर देख लेता है. नेतृत्व, विकास के बदले कई बोरी मैं वाद छोड़ गए. हम 70 के दशक में अधिनायकवाद के खिलाफ एक साथ आये थे और आज भी इमरजेंसी वाले हालात हैं इसलिए साथ हैं. इतिहास पढ़िये या पूछिये आडवाणी जी के दिल सेजातिगत विषमता को xखतम करने की वकालत करना, सत्ता, संपत्ति, संसाधन में बराबर की हिस्सेदारी मांगना क्या जातिवाद है? समझ को व्यापक कीजिये मोदी जी.
मुद्दाविहीन भाजपा वालों ने नया जुमला गढ़ा है जंगलराज. इनके उच्च दर्शन की पीड़ा को समझा जा सकता है.
दिक्कत इनकी मानसकिता के साथ है. एयरकंडिशन्ड कमरों में रहने वाले इन लोगों को वो सामाजिक न्यायप्रिय शासन जंगलराज दिखने लगता है.
क्योंकि ये कुलीन लोग गांव-देहात को जंगल समझते है और गांवों में रहने वालों को जंगली. और जब गांव के दबे कुचले वर्ग का एक आदमी उनका शासक बन जाता है तो वो हो जाता है जंगलराज. अगर गरीबो को अधिकार दिलाना जंगलराज है तो जंगलराज ही सही. जब गरीबों को दिया आवाज, वो कहते है जंगलराज.
प्रधानमंत्री का भागलपुर दौरा घोर निराशाजनक : राजद
पटना. राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि प्रधानमंत्री के दौरे को जिस प्रकार भाजपा वालों ने प्रचारित किया था उससे भागलपुर वालों को लग रहा था कि प्रधानमंत्री जी उन्हें कोई विशेष उपहार देंगे. उन्हें निराश होना पड़ा. जनता को प्रधानमंत्री के कटाक्षपूर्ण भाषण सुनने के अलावा कुछ नहीं मिला.
राजद नेता ने कहा है कि भाजपा द्वारा भागलपुर में आयोजित परिवर्तन रैली दरअसल में कटाक्ष रैली में तब्दील हो गयी. प्रधानमंत्री जी ने अपने पूरे भाषण में कटाक्ष करने के अलावा कुछ भी नहीं कहा.
बिहार के लोग अब उनके जुमलेबाजी को सुनना नहीं चाहते जिसकी वजह से पिछले तीन रैलियों की तुलना में मंगलवार को उपस्थिति काफी कम थी. बिहार के लोग उम्मीद करते थे कि बिहार के मुख्यमंत्री के बारे में किये गये अपमानजनक टिप्पणी के बारे में आज की सभा में माफी मांग कर बिहारियों के भावना का सम्मान करेंगे. ऐसा भी वे नहीं कर सके.सभा में लोगों की काफी कम उपस्थिति से उनके चेहरे पर तनाव की झलक स्पष्ट दिख रही थी.

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