सरकारी विभागों का निजी एजेंडे के लिए दुरुपयोग : नंदकिशोर यादव
पटना : विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और पथ निर्माण विभाग की ओर से केंद्र सरकार के पैकेज के खिलाफ हर दिन अखबारों में दिए जा रहे विज्ञापनों पर एतराज जताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को अपने निजी एजेंडे और चुनावी राजनीति के लिए राज्य सरकार के […]
पटना : विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और पथ निर्माण विभाग की ओर से केंद्र सरकार के पैकेज के खिलाफ हर दिन अखबारों में दिए जा रहे विज्ञापनों पर एतराज जताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को अपने निजी एजेंडे और चुनावी राजनीति के लिए राज्य सरकार के संसाधनों का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है.
जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन हर दिन तो बयानबाजी करके बिहार के विकास पैकेज के खिलाफ दुष्प्रचार कर ही रहा है, फिर उसे बिहार की जनता के पैसों से भ्रामक विज्ञापन जारी कराने की क्या जरूरत है. मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि एक ओर तो वो बिहार की ठप विकास योजनाओं के लिए राशि नहीं होने का बहाना बनाते हैं, दूसरी ओर सरकारी खजाने का पैसा विज्ञापनों पर खर्च करते हैं, क्या यह सुझाव उनके दोस्त अरविंद केजरीवाल ने दिया है.
यादव ने कहा कि जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन को नकारात्मक राजनीति के अलावा कुछ दिख ही नहीं रहा है, इसीलिए वो तमाम विकास योजनाओं को ठप कर बिहार को मिले विशेष पैकेज में जबरन खामियां निकालने में जुटे हैं. अखबारों में बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग की ओर से छपे विज्ञापन में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के पहले की योजनाओं की गिनती गिनाई गई है. अगर ये योजनाएं पहले स्वीकृत हो चुकी थीं तो इन पर काम क्यों नहीं हुआ.
अगर राशि नहीं मिलने से काम नहीं हुआ तो इसके लिए आवाज क्यों नहीं उठाई गयी. यूपीए सरकार के समय की योजनाओं का जिक्र किया गया है तो कांग्रेस के खिलाफ क्यों नहीं विज्ञापन छपवाया जा रहा है.
सच्चाई तो यह है कि बिहार को मिले पैकेज ने नीतीश व उनके गठबंधन के साथियों की नींद उड़ा दी है.मुख्यमंत्री तो विकास और सुशासन पर बोलने का अधिकार उसी दिन से खो चुके हैं, जिस दिन से उन्होंने वोट के लिए राजद और कांग्रेस से गठबंधन किया है.