ऋण से जुड़े कागजात सार्वजनिक करें सीएम

कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल पर मोदी बोले पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से महात्मा गांधी सेतु के समानांतर कच्ची दरगाह से बिदुपुर और खगड़िया-सुल्तानगंज के बीच बनने वाले पुलों के लिए एडीबी व नाबार्ड से ऋण स्वीकृत के कागजात सार्वजनिक करने की मांग की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2015 2:10 AM
कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल पर मोदी बोले
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से महात्मा गांधी सेतु के समानांतर कच्ची दरगाह से बिदुपुर और खगड़िया-सुल्तानगंज के बीच बनने वाले पुलों के लिए एडीबी व नाबार्ड से ऋण स्वीकृत के कागजात सार्वजनिक करने की मांग की है.
उन्होंने नीतीश कुमार को चुनौती देते हु कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो ऋण से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक करें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1.25 लाख हजार करोड़ के विशेष पैकेज में गंगा नदी पर चार लेन के पुल का प्रावधान है. मगर नीतीश कुमार चुनावी वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा व्यय किए जाने वाले दो हजार करोड़ रुपये का भी आता-पता नहीं है. उन्होंने कहा कि इतने के बाद बंद कमरे में बैठ कर हवा में ही मुख्यमंत्री ने पुल का शिलान्यास कर दिया.
सरकार को बताना चाहिए कि गंगा नदी पर प्रस्तावित कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के लिए एडीबी से तीन हजार करोड़ रुपये के कर्ज की अंतिम सहमति मिल गई है. उन्होंने कहा कि एडीबी ने जो शर्तें लगाई है उसे पूरा कर दिया गया है, इसके बारे में भी नीतीश कुमार को बताना चाहिए.
उन्होंने पूछा कि भारत सरकार के वित मंत्रालय द्वारा ऋण पर सहमति के पूर्व निर्धारित मानकों को पूरा कर लिया गया है या नहीं. ऋण पर सहमति के लिए एडीबी को अब तक तकनीकी व वित्तीय संविदा समर्पित किया गया है या नहीं, यह भी बताने को कहा गया है.
मोदी ने कहा कि गंगा पर बनने वाला यह पुल एक बाह्य संपोषित परियोजना है जिसके ऋण के लिए केंद्र सरकार को अपने बजट में 70 और राज्य सरकार को 30 प्रतिशत राशि का प्रावधान करना है. हकीकत है कि केंद्र और राज्य सरकार ने इस साल के अपने बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया है.
इसलिए चालू वित्तीय वर्ष में एडीबी से ऋण वार्ता पर सहमति प्राप्त होना संभव नहीं है. संवेदकों के प्री क्वालिफिकेशन और बिहार राज्य पथ विकास निगम में निर्माण कार्य के पर्यवेक्षण के लिए आए आवेदनों का मूल्यांकन भी अब तक नहीं किया गया है.
भारत सरकार के आर्थिक मामलों के मंत्रालय द्वारा ऋण स्वीकृति से पूर्व 50 प्रतिषत जमीन अधिग्रहण सहित कई अन्य मानकों को पूरा किया जाना अभी शेष है. अगवानी घाट पुल के निर्माण के लिए नाबार्ड द्वारा राज्य सरकार के 1700 करोड़ के ऋण प्रस्ताव को अस्वीकृत करने के बाद अब जाकर फिर से नबार्ड को 545 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है.
इसे भी अब तक स्वीकृति नहीं मिली है. मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के पूर्व अगवानी घाट पुल का खगड़िया साइड से शिलान्यास किया था. उन्होंने कहा कि विधान सभा चुनाव के पूर्व लाभ लेने की नियत से उसी पुल का दोबारा सुल्तानगंज की तरफ से रिमोट द्वारा कार्यारंभ किया. जबकि उसका वास्तविक कार्यारंभ खगड़िया की ओर से हो रहा है.
उन्होंने कहा कि ऋण की स्वीकृति और राशि का वास्तविक इंतजाम किये बिना नीतीश कुमार इन पुलों के शिलान्यास और कार्यारंभ का स्वांग रच कर जनता को भ्रमित करना चाहते हैं.

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