24 घंटे में पुलिस ने कर ली जांच, खुद को बताया बेदाग

बिल्डर मौत मामला. पुलिस की जांच में फिलहाल पांचवें तल्ले से गिरने की बात आयी सामने, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार पटना : बिल्डर अजय चौधरी की मौत गिरफ्तारी से बचने के लिए भागने के दौरान पांचवें तल्ले से गिरने से हुई. अभी तक पुलिस ने जो अपना अनुसंधान किया है, उसमें फिलहाल यही बात निकल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2015 6:36 AM
बिल्डर मौत मामला. पुलिस की जांच में फिलहाल पांचवें तल्ले से गिरने की बात आयी सामने, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
पटना : बिल्डर अजय चौधरी की मौत गिरफ्तारी से बचने के लिए भागने के दौरान पांचवें तल्ले से गिरने से हुई. अभी तक पुलिस ने जो अपना अनुसंधान किया है, उसमें फिलहाल यही बात निकल कर सामने आया है. हालांकि पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
घटना के बाद पुलिस ने गुरुवार को अजय चौधरी के बेटे साहिल के बयान के आधार पर आरपीएस मोड़ के समीप गिट्टी-बालू के दुकानदार अनिल सिंह, संजय सिंह व खगौल थाना के दारोगा शक्ति सिंह के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर ली और अनुसंधान शुरू कर दिया.
सिटी एसपी मध्य चंदन कुशवाहा खुद इस केस की मॉनीटरिंग कर रहे है. अनुसंधान के पहले दिन पुलिस को एक भी ऐसा साक्ष्य नहीं मिला, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि उन लोगों ने अजय चौधरी को पांचवे तल्ले के बालकोनी से नीचे फेंक दिया था. पुलिस टीम ने अगल-बगल के फ्लैट धारकों से भी पूछताछ की. उन लोगों ने घटना के संबंध में कुछ भी जानकारी होने से इनकार कर दिया और वहां के गार्ड राजवल्लभ (जहानाबाद, दौलतपुर निवासी) ने भी केवल इतनी ही जानकारी दी कि वह पुलिस को उनके फाइव सी फ्लैट के दरवाजे पर छोड़ कर वापस नीचे चला आया था.
जांच में नहीं आयी फेंकने की बात
पुलिस ने अपनी जांच के दौरान यह पाया है कि अजय चौधरी जब पांचवे तल्ले से नीचे गिरे थे, तो उनका पैर कट गया था और उनके हाथ और आंख के पास भी चोट था. इसे लेकर जांच अधिकारी यह संभावना जता रहे है कि अगर अजय चौधरी को नीचे किसी ने फेंका होता, तो वे सिर के बल नीचे गिरते और उनका सिर फट जाता. लेकिन, ऐसी कोई बात नहीं हुई. वे नीचे पैर के बल पर गिरे है, क्योंकि जहां वे गिरे थे, वहां पैर के निशान भी थे.
हालांकि यह पैर के निशान और लोगों के भी हो सकते है. इसके साथ ही उनके बगल में एक गमला भी टूटा पड़ा था. संभवत: इसी गमले से उनका पैर कट गया था. हालांकि राजीव नगर पुलिस का दावा है कि वे लोग तुरंत ही घटनास्थल पर पहुंच गये थे और उन्हें पारस अस्पताल में पहुंचाया था, जहां इलाज के बाद उनकी मौत हो गयी थी. पैर के निशान व अन्य साक्ष्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था.
सटे फ्लैट की बालकोनी से उतरने के दौरान गिरने की आशंका
पुलिस के अनुसार गिरफ्तारी से बचने के लिए बिल्डर अजय चौधरी ने अपने फ्लैट के बालकोनी से सटे दूसरे फ्लैट की बालकोनी से उतरने का प्रयास किया. इसके लिए वे अपने बालकोनी की दीवाल पर खड़े होकर करीब एक फुट की दूरी पर मौजूद दूसरे फ्लैट के बालकोनी में कूदने का प्रयास किया और वे सीधे गमला को लेते हुए नीचे आ गिरे. खैर पुलिस का यह दावा कितना सच्चा और झूठा है यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद स्पष्ट हो सकती है. क्योंकि अगर वे पैर के बल पर नीचे गिरे थे, तो उनका टेहुना अवश्य ही टूट गया होगा.
राजीव नगर पुलिस को दी गयी थी छापेमारी की जानकारी
खगौल पुलिस की ओर से राजीव नगर पुलिस को वारंट व गिरफ्तारी करने के लिए छापेमारी की जानकारी दी गयी थी. इस बात की पुष्टि राजीव नगर थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने की.
उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी दी गयी थी और इसके बाद एएसआइ विजय सिंह को वहां भेज दिया गया था. लेकिन, वे फ्लैट में नहीं गये बल्कि अपार्टमेंट के कुछ दूरी पर ही खड़े थे, ताकि अगर छापेमारी के दौरान कोई अपार्टमेंट से निकल कर सड़क पर भागता है, तो उसे पकड़ा जा सके. उन्होंने बताया कि अनिल, संजय व शक्ति के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी है. जांच के बाद ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

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