एडीबी, नाबार्ड से कर्ज पर सरकार कर रही ”थेथरई” : सुशील मोदी
सुशील मोदी ने सरकार पर साधा निशाना पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी सेतु के समानांतर गंगा पर प्रस्तावित नये पुल के लिए एडीबी से ऋण की स्वीकृति के मामले में सरकार ‘थेथरई’ कर रही है. उन्होंने एडीबी की वेबसाइट से कर्ज से संबंधित […]
सुशील मोदी ने सरकार पर साधा निशाना
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी सेतु के समानांतर गंगा पर प्रस्तावित नये पुल के लिए एडीबी से ऋण की स्वीकृति के मामले में सरकार ‘थेथरई’ कर रही है.
उन्होंने एडीबी की वेबसाइट से कर्ज से संबंधित अधिकृत कागजातों को सार्वजनिक करते हुए कहा कि सरकार गलतबयानी कर रही है. उन्होंने कहा कि चुनौती देने के बावजूद सरकार कच्ची दरगाह-बिदुपुर और खगड़िया-सुल्तानगंज पुलों के लिए एडीबी और नाबार्ड से कर्जों के लिए मिली स्वीकृति के कागजातों को सार्वजनिक करने की हिम्मत अब तक नहीं जुटा पायी है. मोदी ने कहा कि हकीकत है कि एडीबी की अधिकृत वेबसाइट पर छह सितंबर को गंगा ब्रिज प्रोजेक्ट यानी कर्ज के स्टेटस को प्रस्तावित बताया गया है, जबकि सरकार कह रही है कि कर्ज की स्वीकृति मिल गयी है.
एडीबी के अधिकृत कागजातों के मुताबिक सारी प्रक्रिया और कागजात के अनुकूल रहने पर एडीबी बोर्ड की बैठक में कर्ज पर अंतिम सहमति के लिए 31 मार्च, 2016 की तिथि तय की गयी है. एडीबी की ओर से अभी फिजीबिलटी रिपोर्ट और डीपीआर की समीक्षा ही की जा रही है, पर सरकार की ओर से ऋण स्वीकृत होने का थोथा दावा किया जा रहा है.
मोदी ने कहा कि इसके अलावा एडीबी के अनुसार कर्ज की अंतिम स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को जहां पटना व वैशाली जिलों में 126 हेक्टेयर जमीन के साथ ही 23 निजी ढांचे का अधिग्रहण करना होगा, वहीं पुनर्वास योजना और पुनार्वास कार्यों की रूपरेखा भी तैयार करनी है.
चूंकि, यह बाह्य संपोषित मोड परियोजना है, इसलिए कर्ज की स्वीकृति के बाद 70 प्रतिशत राशि केंद्र और 30 प्रतिशत राज्य सरकार को अपने बजट में प्रावधान करना होगा. अभी तक यह कर्ज केवल प्रस्तावित की श्रेणी में है. कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल की तरह ही सरकार खगड़िया-सुल्तानगंज पुल के लिए भी नाबार्ड से कर्ज मिलने को लेकर जनता को भ्रमित कर रही है.
नाबार्ड द्वारा 1,710 करोड़ के ऋण प्रस्ताव को अस्वीकृत किए जाने के बाद हाल ही में सरकार ने दुबारा 545 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है, जिसकी अभी स्वीकृति नहीं मिली है. बावजूद इसके लोकसभा चुनाव के पूर्व नीतीश कुमार ने खगड़िया साइड से पुल का शिलान्यास कर दिया और जब विधान सभा चुनाव नजदीक आया तो सुल्तानगंज साइड से दुबारा कार्यारंभ किया.
सरकार कच्ची दरगाह-बिदुपुर और खगड़िया-सुल्तानगंज पुलों के लिए एडीबी और नाबार्ड से क्रमश: 3,000 और 545 करोड़ रुपये के कर्जों की स्वीकृति को लेकर लगातार गलतबयानी कर रही है. सरकार को अगर हिम्मत है तो कर्जों की स्वीकृति से संबंधित कागजातों को सार्वजनिक करे.