बिहार : सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी सपा, कहा एनडीए सांप्रदायिक, महागंठबंधन अहंकारी

पटना : मुलायम सिंह यादव को मनाने की जदयू-राजद की कोशिशों के बीच समाजवादी पार्टी ने बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा कर दी है. सोमवार को पटना में एक होटल में पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने इसकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2015 6:18 AM

पटना : मुलायम सिंह यादव को मनाने की जदयू-राजद की कोशिशों के बीच समाजवादी पार्टी ने बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा कर दी है. सोमवार को पटना में एक होटल में पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने इसकी औपचारिक घोषणा की. उन्होंने एनडीए और महागंठबंधन दोनों पर जम कर निशाना साधा.

एक को सांप्रदायिक बताया, तो दूसरे को झूठा व अहंकारी. उन्होंने कहा कि हम जीतने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं. हम अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन समान विचार वाले दलों से बात चल रही है. उन्होंने तीसरे मोरचे की संभावना से भी इनकार नहीं किया. इससे पहले सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने लखनऊ में पांच सितंबर को महागंठबंधन से अलग होने का एलान किया था.
रामचंद्र यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव अपने निर्णय पर अटल रहनेवाले नेता हैं. नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब तक वे महागंठबंधन के नेता नहीं घोषित हुए थे, तब तक वे मुलायम सिंह का गुणगान करते नहीं थकते थे. नेता घोषित होते ही कांग्रेस, राहुल व सोनिया का चालीसा गाने लगे.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार किसी के नहीं हैं, वे सिर्फ अपना फायदा देखते हैं. उन्होंने कहा कि महागंठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने सपा का पूरा सम्मान नहीं दिया. इसलिए कार्यकर्ताओं की भावना का ख्याल रखते हुए सपा अलग हो गयी. सपा का मुकाबला सांप्रदायिक ताकतों के साथ- साथ धोखेबाज लोगों से भी होगी.
बिहार की जनता राज्य में न तो सांप्रदायिक ताकत चाहती है और न ही सुशासन के नाम पर कुशासन व जंगलराज टू. उन्होंने कहा कि सपा यूपी का विकास मॉडल लेकर चुनाव मैदान में उतरेगी. जहां नौजवान, किसान, अल्पसंख्यक सहित सभी लोगों को लिए पर्याप्त लाभ व सुविधा होगी.
एक सवाल के उत्तर में रामचंद्र यादव ने कहा कि अब महागंठबंधन रहा कहां. अब तो यह लठबंधन है. यादव ने कहा कि लालू प्रसाद ने गंठबंधन की एकता के लिए प्रयास किया, लेकिन नीतीश कुमार के सामने उनकी कुछ नहीं चली. उन्होंने कहा कि एनसीपी व वाम दलों से बात चल रही है. तीसरा मोरचा भी शक्ल ले सकता है.पूरे देश की निगाह बिहार पर है.
समाजवादी पार्टी एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरेगी. यादव ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि भाजपा के इशारे पर सपा महागंठबंधन से अलग हुई. इसके पहले सपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक, जिसमें जिलाध्यक्ष भी शामिल थे, सभी ने महागंठबंधन से अलग होने का स्वागत किया और संसदीय बोर्ड के निर्णय के प्रति अपनी आस्था जतायी. पार्टी पदाधिकारियों ने नीतीश व लालू प्रसाद की जम कर आलोचना की. बैठक में पार्टी व चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई.

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