2010 में ही नीतीश होना चाहते थे भाजपा से अलग : मोदी

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में खुलासा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार 2010 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद ही भाजपा से अलग हो जाना चाहते थे. चुनाव परिणाम के बाद ही उनकी नीयत बदल गयी थी. उन्हें इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2015 6:16 AM
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में खुलासा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार 2010 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद ही भाजपा से अलग हो जाना चाहते थे.
चुनाव परिणाम के बाद ही उनकी नीयत बदल गयी थी. उन्हें इस बात का गुमान हो गया था कि उनकी बदौलत ही एनडीए को बिहार में दोबारा सत्ता मिली है. 2005 के चुनाव परिणाम के बाद भाजपा व जदयू दोनों ने मिल कर सूबे की जनता को धन्यवाद दिया था. लेकिन, 2010 में नीतीश कुमार ने अकेले धन्यवाद दे दिया. सीएम आवास में हुए प्रेस काॅन्फ्रेंस की हमलोगों को जानकारी तक नहीं दी गयी.
मोदी ने साफगोई से स्वीकार किया कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के तमाम नेताओं का भोज रद्द करने के बाद भाजपा ने भी जदयू का साथ छोड़ देने का निर्णय ले लिया था. लेकिन, बिहार के हित में हमलोग इसलिए चुपरह गये कि लालू प्रसाद कहीं दोबारा सत्ता में न आ जाएं. गंठबंधन तोड़ने के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेवार ठहराते हुए मोदी ने कहा कि इसका उत्तर उन्हें जनता को देना होगा. भाजपा ने जैसा साथ नीतीश कुमार को दिया, वैसा साथ कोई नहीं देगा.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि नीतीश कुमार कोई एक योजना बता दें, जो भाजपा के अलग होने के बाद उन्होंने की हो. उनकी सरकार में जो भी काम हुआ, उसका श्रेय भाजपा कोटे के मंत्रियों को जाता है. गंठबंधन टूटने के बाद बिहार में शासन व्यवस्था प्रभावित हुर्इ, विकास ठप हो गया. नीतीश कुमार ने बिहार को राजनीति को दलदल में धकेल दिया. बिहार पीछे चला गया. अब तक राजनीति में यही होता रहा है कि सत्ताधारी दल को रोकने के लिए गंठबंधन होता है, लेकिन यह पहली बार हो रहा है कि मुख्य विपक्षी दल सरकार न बना ले, इसलिए गंठबंधन हो रहा है.
मोदी ने बिहार पैकेज की चर्चा की. कहा कि बिहार में विकास की गाड़ी जो पटरी पर चल रही थी, वह बेपटरी हो गयी है. भाजपा ही बिहार में विकास कर सकती है. भाजपा की सरकार बनने पर उसकी प्राथमिकता की चर्चा की. उन्होंने कहा िक कानून- व्यवस्था, बिजली आधारभूत संरचना का विकास, कौशल विकास, शिक्षा व स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता होगी.
सरकार व विपक्ष दोनों में ईमानदारी से काम किया
सुशील मोदी ने कहा कि हम जब सरकार में थे, तो ईमानदारी से काम किया और विपक्ष में रहे, तो भी ईमानदारी से काम किया. लालू प्रसाद से गंठबंधन के बाद बिहार में भय का माहौल पैदा हो गया है.
सुशील मोदी ने कहा कि लोग तो सवाल पूछेंगे ही गंठबंधन सिर्फ इसलिए तोड़ा गया कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री न बन जाये. नीतीश सरकार को जनता का समर्थन नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता भी समझ गयी है कि बिहार के विकास के लिए केंद्र की अनुकूल सरकार यहां भी होनी चाहिए.

Next Article

Exit mobile version