नयी दिल्ली/पटना : एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर सस्पेंस अब भी कायम है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी एनडीए में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से नाराज हो गये हैं. उनको मनाने के लिए दिन भर बैठकों का दौर जारी रहा. शनिवार देर शाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ भी उन्होंने मुलाकात कर इस संबंध में चर्चा की. हालांकि बात नहीं बनी. अमित शाह से मुलाकात के बाद बाहर निकलने के साथ ही पत्रकारों के सवाल का देते हुए मांझी ने कहा कि सीट शेयरिंग पर अभी सहमति नहीं बनी है. कल सुबह एक बार फिर अमित शाह से उनकी मुलाकात संभव है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे कल दोपहर बारह बजे दिल्ली से बिहार के लिये रवाना हो जायेंगे. उधर, अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचे भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि कोई नाराज नहीं है. सब कुछ ठीक-ठाक है. समय आने पर सब ठीक हो जायेगा.
गौर हो कि आज शाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर से प्रेसवार्ता कर एनडीए में सीट शेयरिंग का औपचारिक एलान किया जाना था. मांझी के इस बयान से साफ है कि एनडीए में सीट बंटवारे पर अब तक सहमति नहीं बनी पायी है और इसके लिये थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है. भाजपा नेता अश्विनी चौबे ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि सब ठीक है और कहीं कोई नाराज नहीं है. जानकारी के मुताबिक भाजपा की ओर से उनकी पार्टी को 15 सीटें दिये जाने की बात की जा रही है. जबकि सुप्रीमो रामविलास पासवान ने मांझी के 9 उम्मीदवारों पर ऐतराज जताया, जिससे विवाद पैदा हो गया.
इन सब के बीच जीतनराम मांझी को मनाने के लिये शनिवार को दिन भर बैठकों का दौर जारी रहा. लेकिन अंतिम रुप से इस मामले पर सहमति नहीं बन पायी. इससे पहले भाजपा नेता भूपेंद्र यादव व धर्मेंद्र प्रधान ने उनसे मुलाकात कर उनको मनाने की कोशिश की. इसके बाद दोनों प्रमुख नेताओं के साथ मांझी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे थे. इन सबके बीच भाजपा मुख्यालय में एनडीए की ओर से सीटों का एलान किये जाने को लेकर गहमागहमी दिखाई दी. सीटों के बंटवारे का एलान किये जाने का सभी को इंतजार करते रहें.
एनडीए में सीटों का फॉर्मूला
बिहार में कुल 243 सीटों को लेकर गंठबंधन में सहमति बन जाने की बात हो रही है. सूत्रों की मानें तो 162 सीटों पर भाजपा खुद चुनाव लड़ेगी. रामविलास पासवान नित लोक जनशिक्त पार्टी 41 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसी प्रकार जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 15 सीट दी जायेगी. उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को बिहार में चुनाव लड़ने के लिए 25 सीटें प्रदान की जायेंगी. बिहार चुनाव प्रभारी अनंत कुमार ने कहा सीटों पर फैसला हो गया है. शाम को ऐलान होगा. लेकिन सीट शेयरिंग पर पेंच फंसता दिख रहा है और औपचारिक एलान किये जाने में अभी और वक्त लग सकता है.
पासवान पर परिवार वाद की राजनीति का मांझी लगा चुके है आरोप
बता दें कि पहले जीतन राम मांझी ने रामविलास पर हमला बोलते हुए उनपर परिवार वाद की राजनीति का आरोप लगाया था. उसके बाद दोनों में मतभेद दूर हो गया था. अमित शाह की मध्यस्था के बाद दोनों ने किसी भी विवाद को समाप्त करने का निर्णय लिया. उस समय मीडिया में इस बात की चर्चा थी कि सीट बंटवारे पर भाजपा को रामविलास पासवान और मांझी की ओर से संकट का सामना करना पड़ेगा. लेकिन तताम अटकलों को दूर करते हुए एनडीए ने सीट बंटवारे के मुद्दे को सुलझाने का दावा किया है.
पहले भी हुई बातचीत
मालूम हो कि उपेंद्र कुशवाहा, भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली में बिहार चुनाव प्रभारी अनंत कुमार से मुलाकात की. वहीं जीतन राम मांझी ने अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद सुबह ही हम पार्टी की कोर कमेटी की बैठक बिहार निवास में हुई. इससे जुड़ी कोई जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गयी है. लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के अड़ियल रवैये के बाद शुक्र वार दोपहर तक तो भाजपा उनके मान-मनौव्वल में लगी रही, लेकिन शाम होते-होते वह थोड़ा सख्त हुई.
पासवान हुए नरम
भाजपा के सख्त होते ही रामविलास के तेवर नरम पड़ गये. इसका परिणाम यह हुआ कि लोजपा सुप्रीमो रात के साढ़े 11 बजे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे. लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि सीटों के बंटवारे का मामला सुलझ गया है. भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी अनंत कुमार ने भी कहा कि पासवान के साथ अच्छी बातचीत हुई. शनिवार को एनडीए की बैठक होने की संभावना है, जिसमें सीटों को लेकर आधिकारिक घोषणा कर दी जायेगी.
भाजपा सोच-समझ कर रख रही है कदम
बताया जा रहा है कि लोजपा और भाजपा के बीच फंसी पेंच में नरेंद्र सिंह के बेटों के टिकट का मामला तथा भाजपा द्वारा लोजपा से उम्मीदवारों के नाम मांगना है. सीट शेयरिंग के मामले में भाजपा अब काफी सोच-समझ कर कदम रख रही है. भाजपा नेतृत्व इस मुद्दे को बहुत तूल इसलिए नहीं देना चाहता है कि इसको लेकर कोई ऐसा संदेश न जाये कि महागंठबंधन को कहने का कुछ मौका मिल जाए. भाजपा नेता इस बात से भी सकते में हैं कि वे लोग सबसे अधिक निश्चिंत रामविलास पासवान को लेकर ही थे. रालोसपा व हम तो भाजपा के साथ पूरी तरह खड़ी नजर आयी, लेकिन भाजपा के साथ पहले से खड़ी लोजपा के रु ख में गुरु वार की शाम से परिवर्तन आ गया.