नेताओं का सब्र टूटा तो खुला लालू का दरवाजा
पटना: विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग करनेवाले करीब 500 से अधिक नेता व कार्यकर्ता लालू प्रसाद से मिलने को बेताब थे. रविवार को चार बजे से गेट पर खड़े-खड़े जब उनका सब्र टूटा तो लगता था कि 10 सर्कुलर रोड का गेट ही तोड़ देंगे. पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के आक्रोश को देखते […]
पटना: विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग करनेवाले करीब 500 से अधिक नेता व कार्यकर्ता लालू प्रसाद से मिलने को बेताब थे. रविवार को चार बजे से गेट पर खड़े-खड़े जब उनका सब्र टूटा तो लगता था कि 10 सर्कुलर रोड का गेट ही तोड़ देंगे. पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के आक्रोश को देखते हुए शाम 6.30 बजे लालू प्रसाद की अनुमति पर 10 सर्कुलर रोड का गेट खोल दिया गया.
उसके बाद लोगों का समूह अंदर पहुंचा. रविवार को दिन भर राजद के प्रदेश कार्यालय में बायोडाटा जमा कराने के बाद शाम में पार्टी के नेता 10 सर्कुलर रोड पहुंचे. वहां पर घंटों तक इतजार करने के बाद गेट के पास खड़े सुरक्षाकर्मियों से अदर तक उनकी बात पहुंचाने की बात करते रहे. इधर सिपाही नेताओं व कार्यकर्ताओं की बात अंदर ले जाने के लिये तैयार ही नहीं थे. इसे देखते हुए नेताओं का धीरज टूटने लगा और वह गेट पर दबाव के रूप में दिखने लगा. गेट पर शुरू हुआ हंगामा. इसे देखते हुए लालू प्रसाद ने अंदर से नेताओं व कार्यकर्यताओं को आने की इजाजत दी. फिर क्या था भीड़ उमड़कर अंदर चली गयी. अंदर में मंडप में बने चबूतरा पर लालू प्रसाद एक कुरसी पर अकेले बैठे थे.
चबूतरा के अंतिम सीढ़ी के पास एक तरफ भोला यादव तो दूसरी ओर एक सुरक्षा कर्मी नेताओं को वहीं से अपनी बात रखने की हिदायत देते रहे. नेताओं को वहीं से अपनी बात कर लौट रहे थे. नेताओं की भीड़ में तरह-तरह के लोग शामिल थे. अपने गुब्बार को शांत करने के लिये बाहर आइसक्रीम खाते, पानी पीते रहे पर जैसे ही लालू प्रसाद के पास पहुंचे कि उनके मन का गुब्बार फूटने लगा. वह यह था कि आप चाहे जिसको टिकट दे दीजिये पर जहानाबाद में अमुक कैडिडेट को टिकट नहीं दीजिये. बाहर निकलते तो शेखचिल्ली भी बघारते कि लालू जी को साफ कर दिया है कि पिछलीबार टिकट दिया तो देखा न कि वहां से पार्टी का कैंडिडेट नहीं जीता. इस बार एेसा नहीं कीजियेगा.