जदयू-राजद-कांग्रेस के नेताओं ने विकास एक्सप्रेस ट्रेन पर उठाया सवाल, चुनाव आयोग से की शिकायत
नयी दिल्ली : बिहार चुनाव को लेकर बने जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल व कांग्रेस के महागंठबंधन ने आज चुनाव आयोग से मिल कर शिकायत की है कि नरेंद्र मोदी सरकार बिहार में चुनावी लाभ के लिये रेल मंत्रालय का दुरुपयोग कर रही है. महागंठबंधन के नेताओं ने कहा कि रेल मंत्रालय विकास एक्सप्रेस […]
नयी दिल्ली : बिहार चुनाव को लेकर बने जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल व कांग्रेस के महागंठबंधन ने आज चुनाव आयोग से मिल कर शिकायत की है कि नरेंद्र मोदी सरकार बिहार में चुनावी लाभ के लिये रेल मंत्रालय का दुरुपयोग कर रही है. महागंठबंधन के नेताओं ने कहा कि रेल मंत्रालय विकास एक्सप्रेस नामक ट्रेन पटना से भाजपा शासित राज्यों की राजधानी के लिए चला रहा है, जिसके माध्यम से वह अपने कार्यकर्ताओं को बिहार चुनाव अभियान के लिएभाजपा पहुंचा रही है. मालूम हो कि कुछ दिन पूर्व इस आशय की खबर मीडिया में आयी थी कि बिहार की जनता को भाजपा अपने शासित राज्यों में ले जाकर वहां के विकास को दिखा कर लुभायेगी.
जदयू नेता पवन कुमार वर्मा ने कहा कि नौ तारीख से आदर्श आचार संहिता लागू है और विकास एक्सप्रेस नामक चार ट्रेनें सात, नौ, 11 व 13 तारीख को चलायी गयी हैं. ये ट्रेनें पटना से रायपुर, पटना से मुंबई, पटना से भोपाल व पटना से जयपुर चलायी गयी हैं. यानी सरकारी संपदा का दुरुपयोग किया गया है, जो आदर्श आचार संहिता का सरासर उल्लंघन है. वहीं, जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि अमित शाह ने जीतन राम मांझी को बिहार भवन से निकालने संबंधी गलत बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आदर्श आचार सहिंता के अनुसार, किसी भी सरकारी भवन या संसाधन का उपयोग अपने चुनावी लाभ के लिए नहीं कर सकते हैं, जबकि मांझी पिछले कुछ दिनों से बिहार भवन का उपयोग अपनी तमाम राजनीतिक गतिविधियों के लिए कर रहे हैं.
इस दौरान महागंठबंधन ने चुनाव अभियान के लिए एक वीडियो लांच किया, जिसे बीजेपी का फर्जी एक्सप्रेस नाम दिया गया है. कांग्रेस के बिहार प्रभारी डॉ सीपी जोशी ने कहा कि बिहार का चुनाव एक हवाबाज प्रधानमंत्री और एक कामकाजी सीएम के बीचकाचुनाव है. उन्होंने कहा कि प्रेस कान्फ्रेंस से हमारे घटक दलों की केमेस्ट्री दिख रही है. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति लोकतंत्र को अपनी मनमर्जी से नहीं चला सकता.
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा के जंगल राज के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जंगलराज तो मोदी के 15 महीनों के शासन में आया है. उन्होंने कहा कि जब किसानों की जमीन छिनने की कोशिश की गयी तब जंगलराज आया, जब बडे मोदी ने छोटे मोदी (ललित मोदी) की मदद की तब जंगल राज आया, जब किसानों ने आत्महत्या की और उसे कायराना बताया गया तब जंगल राज आया, जब वादा कर भी लोगों के खाते में 15 लाख रुपये नहीं डाले गये और उसे चुनावी जुमला बताकर भूल गये तब जंगल राज आया और जब सरकारी मशीनरी का मतदाताओं को खरीदने क लिए दुरुपयोग किया गया तब जंगलराज आया.