बिहार विस चुनाव : NDA में कई सीटों पर अब भी फंसा पेंच, पसंदीदा सीट को लेकर खींचतान जारी
नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए में सीटों के बंटवारे का ऐलान भले ही कर दिया गया है. लेकिन कई सीटों पर अब भी पेंच फंसा हुआ है. विस चुनाव में भाजपा की तरफ से 43 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के कथित एकतरफा फैसले से केवल एनडीए के सहयोगी दल […]
नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए में सीटों के बंटवारे का ऐलान भले ही कर दिया गया है. लेकिन कई सीटों पर अब भी पेंच फंसा हुआ है. विस चुनाव में भाजपा की तरफ से 43 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के कथित एकतरफा फैसले से केवल एनडीए के सहयोगी दल ही नाराज नहीं हुए है बल्कि चुनावी टिकट कटने के कारण पार्टी के वर्तमान विधायक भी बागी बन गये हैं. इसको लेकर बुधवार को एनडीए के घटक दलों के बीच दिनभर बैठकों का सिलसिला जारी रहा. इसी कड़ी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर बातचीत करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव, गिरिराज सिंह, धर्मेंद्र प्रधान एवं सुशील कुमार मोदी देर रात पहुंचे. सुशील कुमार ने कहा कि सीट बंटवारे पर जारी गतिरोध जल्द समाप्त हो जायेगा. जबकि इससे पहले रालोसपा के नेताओं ने इस संंबंध में बातचीत करने के लिए भूपेंद्र यादव से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे थे. वहीं, लोजपा एवं हम के प्रमुख नेता इस मामले पर भाजपा नेताओं से अलग-अलग मुलाकात कर अपना पक्ष रख चुके है.
एनडीए में पसंदीदा सीट को लेकर घटक दलों के बीच बातचीत का दौर आज दिनभर जारी रहा. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने इस संबंध में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमारी पार्टी को जितनी सीटें मिली है हम उससे संतुष्ट है. हम के हिस्से में आई सीटों को लेकर भाजपा नेताओं से उनकी बातचीत समाप्त हो गयी है. लेकिन अन्य घटक दल रालोसपा एवं लोजपा इस मामले पर भाजपा नेताओं से अलग-अलग मुलाकात कर रहे है. कुछ सीटों पर अभी सहमति नहीं बन पायी है. जिसको लेकर वे भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर रहे है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मसले पर निर्णय हो जायेगा.
भाजपा के फैसले से रालोसपा नाराज
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) ने पहली लिस्ट जारी करने पर कहा है भाजपा को ऐसा करने से पहले सहयोगी दलों को भरोसे में लेना चाहिए था. पार्टी प्रवक्ता फैजल इमाम ने कहा कि भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने का फैसला एकतरफा लिया है. उन्होंने कहा कि घटक दलों को भरोसे में लिये बिना उम्मीदवारों के नामों की घोषणा सही नहीं है. उन्होंने कहा कि रालोसपा इस फैसले के खिलाफ है. उधर, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी भाजपा के इस फैसले से नाराज है. गौर हो कि भाजपा ने मंगलवार को 43 प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी की है.
लोजपा में भी नाराजगी
सीटों के बंटवारे से नाराजगी लोजपा में भी साफ दिख रही है. लोजपा के सांसद राम किशोर सिंह ने भाजपा से कम सीटें हासिल करने का कारण बताते हुए रामविलास पासवान की पार्टी ही छोड़ दी. राम किशोर सिंह 2014 में बिहार के वैशाली से लोकसभा सांसद चुने गये थे. उन्होंने रामविलास पासवान पर परिवार वाद को आरोप भी लगाया है और कहा कि वे केवल अपने बड़े बेटे व भाईयों की सुनते है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोजपा को जितनी सीटें दी है उससे ज्यादा पर चुनाव लड़ना चाहिए.