अब अपने भवन में होंगे छह जिला उद्योग केंद्र
पटना : छह जिलों के उद्योग केंद्र अब किराये के मकान या जिला समाहरणालय के कमरे में नहीं, बल्कि अपने भवन में होंगे. उद्योग विभाग छह जिलों में अपना भवन बनायेगा. उद्योग विभाग ने इसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी है. छहों जिला उद्योग केंद्र भवनों के निर्माण पर 15. 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे. […]
पटना : छह जिलों के उद्योग केंद्र अब किराये के मकान या जिला समाहरणालय के कमरे में नहीं, बल्कि अपने भवन में होंगे. उद्योग विभाग छह जिलों में अपना भवन बनायेगा. उद्योग विभाग ने इसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी है. छहों जिला उद्योग केंद्र भवनों के निर्माण पर 15. 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
विधान सभा चुनाव बाद छहों उद्योग केंद्र भवनों के निर्माण का काम शुरू होगा. एक-एक उद्योग केंद्र-भवन के निर्माण पर 2.61-2.61 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बिहार के किशनगंज, अरवल, कटिहार, शिवहर, बेतिया और शेखपुरा में अपना उद्योग केंद्र भवन नहीं है. छहों जिलों में उद्योग केंद्र भवन या तो किराये के मकान में चल रहे हैं या जिला समाहरणालय के कमरे में.
किराये के मकान या जिला जिला समाहरणालय के कमरे में चल रहे जिला उद्योग केद्र के कार्यालयों में जगह की भारी किल्लत तो है ही, अन्य सुविधाएं भी नदारद है. छहों जिलों में उद्योग विभाग का अब अपना भवन होगा.
छहों जिलों के उद्योग भवनों को वेल-फर्निस्ड बनाने का उद्योग विभाग ने फैसला किया है. उद्योग केंद्र भवनों में सभागार, संग्रहालय, वेटिंग-रुम, रिसेप्शन -हॉल से ले कर पार्किंग-जोन तक होगा.
छहों जिलों के उद्योग केंद्र भवनों का निर्माण दो वर्षों में पूरा कराने का लक्ष्य तय किया गया है. पहले चरण के लिए उद्योग विभाग ने आठ करोड़ रुपये की निकासी की स्वीकृति भी दे दी है.
छहों जिलों में उद्योग केंद्र भवन बन जाने के बाद सिर्फ अधिकारी-कर्मचारियों को ही राहत नहीं मिलेगी, बल्कि समय-समय पर हस्त शिल्प, बुनकर और अन्य उद्योगों के लिए दिये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन में भी सहुलियत होगी.