पटना: राज्य में अवैध रूप से लॉटरी का धंधा जोरों पर चल रहा है. पटना समेत कई शहरों में इसका जाल काफी अंदर तक फैला हुआ है और काफी संख्या में लोग इससे जुड़े हुए हैं. लॉटरी के इस रैकेट का कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है. हाल में केंद्रीय स्तर की कई खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. केंद्रीय जांच एजेंसियों ने यह सनसनीखेज खुलासा करते हुए इसकी प्रारंभिक सूचना पुलिस मुख्यालय को भेजी है.
केंद्रीय एजेंसियां यहां के खूफिया विभाग और इओयू (आर्थिक अपराध इकाई) से इस मामले को लेकर संपर्क भी कर चुकी हैं. यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस रैकेट में कुछ बड़े कारोबारी और नामचीन लोगों के नाम भी जुड़े हो सकते हैं.
कई जिलों में फैला है तार : केंद्रीय जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के कई जिलों में इसके तार फैले हुए हैं. अवैध लॉटरी रैकेट में शामिल लोगों के फोन नंबर के आधार पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने यह ट्रेस किया है कि इन नंबर का उपयोग बिहार के कई जिलों में किया जा रहा है और इन नंबरों पर पाकिस्तान से अक्सर सीधे बातचीत भी होती है. इसके कई सबूत भी हैं. शुरुआती जांच में राज्य में ऐसे करीब 30 लोगों के कॉल डिटेल समेत अन्य जरूरी जानकारी सामने आयी है, जिनका ताल्लुक बिहार से है. इन लोगों ने कई बार पाकिस्तान के कुछ लोगों के बैंक एकाउंट में रुपये भी भेजे हैं. कुछ सीमावर्ती जिलों में इस तरह के मामले ज्यादा समाने हैं. इन जिलों में यह रैकेट भी ज्यादा सक्रिय है. पटना में भी इसके काफी अंदर तक सक्रिय होने की आशंका है. हालांकि जांच के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.
ऐसे काम करता है यह रैकेट : इस रैकेट के प्रमुख लोग या किंगपिन अपने नीचे लोगों को कमिश्न के आधार पर बहाल करते हैं.
अलग-अलग क्षेत्र में इसके रैकेटियर या किंगपिन अलग-अलग होते हैं या यूं कहें इनका एरिया बंटा रहता है. इसके बाद इनके नीचे बहाल एजेंट आम लोगों, बड़े व्यापारी, छात्र या अन्य लोगों को अपने लुभावने ताने-बाने में फंसाते हैं. इस तरह की लॉटरी में कोई लिखा-पढ़ी नहीं होती है. पूरा धंधा मौखिक और आपसी समन्जस्य पर ही चलता है. यह दो-तीन तरह के खेला जाता है. एक तो यह सामान्य लॉटरी की तरह ही होता है.
ग्रुप लॉटरी की तरह भी : एक ग्रुप लॉटरी की तरह होता है, जिसे इनकी भाषा में ‘बीडी’ भी कहा जाता है. इसमें सभी सदस्य पैसे लगाते हैं और एक निश्चित समय अंतराल पर जमा पूंजी प्रत्येक सदस्य को बेहद कम ब्याज दर पर दी जाती है. इसमें एक निश्चित समय अंतराल में पैसा लौटाने पर ब्याज नहीं लगता है. इसके बाद तय ब्याज के साथ रुपये देने पड़ते हैं. जो संचालक होता है, उसकी किसी के पास पैसे फंसने पर उगाही या लेन-देन के कायदे तय करने की जिम्मेवारी होती है. वह इस उलट-फेर में अच्छा कमीशन बना लेता है. कई मामले में चलाने वाला कभी पैसे लेकर फरार हो जाता है, लेकिन यह बड़े लॉटरी में नहीं होता.
पाकिस्तान कनेक्शन को ले यह आशंका : इसे संचालित करने वाला या कई बार अधिक पैसे लगाने वाला पाकिस्तान का हो सकता है, जो इसके जरिये ब्लैक मनी को व्हाइट करता है. बिहार के बाजार में कई स्थानों पर लोगों के जरिये थोड़-थोड़े एमाउंट में ब्लैक मनी को खपाना आसान होता है. दूसरा, यहां के बाजार से पैसा लेकर उसे पाकिस्तान भेजना और वहां से नकली नोटों को हवाला या अन्य माध्यमों से यहां के बाजार में पहुंचाने का भी यह आसान रास्ता माना जा रहा है. इनके अलावा भी कई दूसरे कारण हो सकते हैं, जो गहन जांच के बाद ही सामने आयेगी.