बिहार विधानसभा चुनाव : टिकट बंटे, बागी डटे

पटना: पहले चरण की सीटों पर टिकट बंटवारे का काम पूरा भी नहीं हुआ और सभी दलों में टिकट के लिए मारामारी शुरू हो गयी है. रविवार को भाजपा, जदयू, राजद में बवाल मचा रहा. भागलपुर में जहां बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे के बेटे को उम्मीदवार बनाये जाने का विरोध शुरू हो गया, वहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2015 8:07 AM
पटना: पहले चरण की सीटों पर टिकट बंटवारे का काम पूरा भी नहीं हुआ और सभी दलों में टिकट के लिए मारामारी शुरू हो गयी है. रविवार को भाजपा, जदयू, राजद में बवाल मचा रहा. भागलपुर में जहां बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे के बेटे को उम्मीदवार बनाये जाने का विरोध शुरू हो गया, वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे चंद्रमोहन राय ने भी तल्खी दिखायी है. उपचुनाव में भाजपा की विधायक बनी रश्मि वर्मा ने भी विरोध का स्वर दिखाया है. पार्टी के मुखर विधायक रहे विक्रम कुंअर ने भी नेतृत्व पर सवाल उठाया है. जदयू में जिन विधायकों को टिकट से वंचित कर दिया गया उनके समर्थकों में भी उबाल है.
पूर्णिया के जदयू सांसद संतोष कुशवाहा ने करीबियों को टिकट नहीं मिलने से पार्टी के प्रति गुस्से का इजहार किया है. हालांकि उनकी नाराजगी के स्वर फुटते ही डैमेज कंट्रोल का सिलसिला भी आरंभ हो गया. राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बुलावे पर कुशवाहा ने रविवार की देर शाम उनसे मुलाकात की. यही स्थिति जदयू में भी बनती दिख रही है. सात विधायकों ने खुलकर पार्टी का विरोध किया है. गोविंदगंज की विधायक मीना द्विवेदी ने तल्खी दिखाते हुए कहा कि जब जदयू के पांच विधायक थे तब हमारे परिवार से एक विधायक था. अब जनता और वोटर जो फैसला करेंगे उधर का रुख करेंगे. पिपरा की विधायक सुजाता देवी ने कहा कि पति को भाजपा से टिकट मिल गया है हम उधर ही रहेंगे. वहीं, बहादुरपुर के विधायक मदन साहनी ने कहा कि जब पार्टी ने टिकट ही काट दिया तो चुनाव लड़ कर क्या करेंगे.
राजद में दिखी खुली बगावत
अपने को जनाधार माननेवाली पार्टी राजद में सीट शेयरिंग व सिंबल बांटने के बाद बगावत खुलकर सामने आयी है. टिकट कटने के बाद खुली बगावत पर उतरे जगदीशपुर के विधायक भाई दिनेश कुमार सिंह क्षेत्र को छोड़कर वह सीधे राजद के प्रदेश कार्यालय पहुंचकर धरना पर बैठ गये. 34 घंटों तक धरना देने के बाद उन्होंने कहा कि वे जगदीशपुर लौट गये हैं, अब जनता उनके भाग्य का फैसला करेगी. राजद के दूसरे विधायक मोहिउद्दीनगर के अजय कुमार बुलगानिन भी पाला बदलने जा रहे हैं. राजद ने टिकट नहीं दिया, तो वह जनअधिकार पार्टी के सिंबल पर चुनावी मैदान में उतरेंगे. बड़हरा के विधायक राघवेंद्र प्रसाद सिंह अभी पार्टी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. अभी तक पार्टी की ओर से उनको नकारात्मक जवाब नहीं मिला है, पर उन्होंने बताया कि उनके परिवार ने क्षेत्र की 62 वर्षों तक सेवा की है. पार्टी की सेवा की है तो उनको पार्टी के निर्णय पर विश्वास है. उजियारपुर से टिकट कटने के बाद सीटिंग विधायक दुर्गा प्रसाद सिंह ने अभी अपना पत्ता साफ नहीं किया है. अररिया में राजद के 1990 से कार्यकर्ता रहे मीर रज्जाक ने भी दावा किया है कि वह इस चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. उनका दावा है कि अररिया क्षेत्र में कुलहीया जाति की आबादी सर्वाधिक है. राजद की यह परंपरागत सीट है. साथ ही सामाजिक समीकरण की दृष्टि से कुलहीया समुदाय का दावा इस सीट पर बनता है. राजद की यह सीट कांग्रेस को दे दी गयी है. इसी तरह से राजद के प्रदेश महासचिव रवींद्र नारायण सिंह भी लालू प्रसाद का दामन छोड़कर जन अधिकार पार्टी में चले गये.
10 सर्कुलर रोड पर टिकट के लिए समर्थक-विरोधियों में झड़प
पटना. रविवार को शाम ढलते ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद का आवास 10 सर्कुलर रोड टिकट चाहने वालों का अखाड़ा बन गया. नालंदा जिले की हिलसा विधानसभा सीट पर टिकट के दो दावेदारों के समर्थक और विरोधियों के बीच झड़प हो गयी. एक गुट प्रदेश महासचिव शक्ति सिंह यादव के समर्थकों का था तो सामने रामजी यादव के लोग थे. दोनों गुटों के बीच विरोध इतना बढ़ा कि हाथापाई भी होने लगी. कमर से बेल्ट निकल गये. झड़प के दौरान दो-तीन के शर्ट भी फाड़ डाले गये. . बाद में स्थानीय थाने को बुलाना पड़ा और बल प्रयोग के बाद दोनों के समर्थकों को वहां से भगाया गया.
हिलसा से आये राजद नेता रामजी यादव के समर्थक लालू-राबड़ी के मुख्य गेट के सामने खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे. उनकी मांग थी कि शक्ति यादव को दिये गये टिकट को वापस लेकर रामजी यादव या किसी अन्य उम्मीदवार को टिकट दिया जाये. उनकी नारेबाजी के बाद वहां शक्ति यादव के समर्थक आ पहुंचे. इसके बाद दोनों गुटों के बीच झड़प हो गयी. लालू प्रसाद के गेट पर विभिन्न विधानसभा क्षेत्र से टिकट का विरोध करने पहुंचे थे . संदेश विधानसभा क्षेत्र से स्थानीय नेता बबन यादव के समर्थक व सिंबल प्राप्त करने वाले अरुण यादव के विरोधी पहुंचे थे. बबन यादव का कहना था कि राजद ने युवाओं को टिकट देने का अश्वासन दिया था. पर पार्टी ने अगिआंव के निवासी को टिकट दे दिया है. इसी तरह से पारू के पूर्व विधायक मिथिलेश यादव के समर्थक पहुंचे थे. उनका कहना है कि वहां पर शंकर यादव को सिंबल दे दिया गया है.

रामा सिंह ने लिया लोजपा को हराने का संकल्प
मुजफ्फरपुर : लोजपा से नाराज चल रहे वैशाली सांसद रामा किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह ने लोजपा के विरुद्ध चुनाव प्रचार करने का निर्णय लिया है. सांसद लोजपा कोटे में आने वाले सभी 40 सीटों पर उनके उम्मीदवार को हराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. सांसद ने कहा कि जब लोजपा के बुरे दिन थे तो उस समय वे दिन रात एक कर पार्टी को आगे बढ़ायें. अब जब अच्छे दिन आये हैं, तो पार्टी नेतृत्व उनसे राय विचार लेना भी छोड़ दिया है. पार्टी में अंदरुनी कोई संविधान नहीं है. पार्टी के अंदर की सारी व्यवस्थाएं बिगड़ चुकी है.
रामविलास ने मांगे 50 लाख रुपये: राम नरेश
लोजपा के वरीय उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक राम नरेश सिंह ने रामविलास पासवान पर नालंदा से टिकट के लिए 50 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि पैसा देने से इनकार किया तो हमें टिकट नहीं मिला. लोजपा में टिकट के लिए लेनदेन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि किसी दल में ऐसा नाटक नहीं हुआ है. पार्टी नेता ने आधा टिकट बेच दिया है. श्री सिंह ने कहा कि रफीगंज के उम्मीदवार से पांच करोड़ पर डील हुई, वह बाद में दो करोड़ ही देने पर राजी हुआ. दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार साधु का टिकट बेच दिया है.

रामा सिंह ऐसे लोगों की बातें नहीं मानी गयी, जो रघुवंश बाबू ऐसे नेताअेां को धूल चटा दिया. राम सिंह ने लोजपा को सभी 40 सीट पर हराने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि वे इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे. बताया जायेगा कि लोजपा में आदर्श आचार संहता का उल्लंघन किया जा रहा है. पासवान को मौज मस्ती पसवान, चिराग को दुर्योधन पासवान और पशुपति कुमार पारस को दु:शासन पासवान बताते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए शहादत देने वाले राजेश कुमार के बेटा का भी टिकट काट दिया गया. पत्रकार सम्मेलन के दौरान ही श्री सिंह ने पप्पू यादव के समक्ष जनाधिकार पार्टी में शामिल होने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि पप्पू यादव वर्तमान समय की जरूरत हैं. उनके साथ मुलायम सिंह यादव, नागमणि जैसे नेता साथ हैं.

अशोक चौधरी ने 60 लाख में बेचा िटकट
दरभंगा. दरभंगा जिला के दस विधानसभा सीटों में एक भी सीट कांग्रेस को नहीं देने से आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने रविवार को कांग्रेस भवन में जमकर उत्पात मचाया. जिलाध्यक्ष कार्यालय के टेबुल-कुर्सियां तोड़ दी गयी. टेबुल पर रखे कागजातों को फाड़ दिया. इसी क्रम में कुछ कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष के साथ धक्का-मुक्की भी की. कार्यकर्ताओं का आरोप था कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी, राज्य प्रभारी सीपी जोशी एवं विधान परिषद सदस्य डॉ मदन मोहन झा की मिलीभगत से साठ लाख रुपये में दरभंगा सीट को बेचा गया है. कार्यकर्ता इस षड्यंत्र में शामिल नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी से करने की मांग को लेकर रविवार से जिला कार्यालय में बेमियादी धरना शुरू कर दिये हैं. डॉ पवन कुमार चौधरी ने धरना का के नेतृत्व किया. कुछ दूर बैठे जिलाध्यक्ष सीताराम चौधरी से जब इसे लेकर पूछा गया तो उन्होंने अपने को धरना में शामिल नहीं होने की बात कही. इससे आक्रोशित कुछ कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष के पास पहुंचे और उन्हें कुर्सी से उठाकर उनकी कुर्सी तोड़ डाली तथा धक्का-मुक्की कर वहां से हटा दिया. इसके बाद जिलाध्यक्ष कांग्रेस कार्यालय से चले गये. आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने परिसर की सभी कुर्सियां एवं टेबुल तोड़ दी. कार्यकर्ताओं ने घोषणा की कि जबतक प्रदेश अध्यक्ष सहित उसमें शामिल नेताओं पर कार्रवाई नहीं होती है, धरना जारी रहेगा तथा अगले चरण में जिले के सभी निष्ठावान कार्यकर्ता पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देंगे. धरना में डॉ मुरारी मोहन झा, रामनारायण झा, प्रो अब्दुल हादी सिद्दीकी, शंभुनाथ चौधरी पालन, अरुण कुमार झा, दिनेश्वर राय, प्रो खादिम हुसैन, दिनेश गंगनानी, टिंकू गिरि, सुमन झा, पंकज चौधरी, मो मुस्तकीम, जयशंकर शुक्ला, अशोक पासवान, कन्हैया चौधरी, नुनुकांत चौधरी, चंदन कुमार आदि शामिल थे.
दूसरी ओर जिलाध्यक्ष श्री चौधरी ने विज्ञप्ति जारी कर महागंठबंधन की सूची में जिले के एक भी सीट पर प्रत्याशी नहीं देने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है तथा कहा है कि इससे कांग्रेसजन अपमानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष से जिला के एक -दो सीट पर प्रत्याशी देने का अनुरोध किया है.
भाजपा ने जारी की तीसरी सूची
पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी तीसरी सूची जारी कर दी है. रविवार को नयी दिल्ली में भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति के सचिव जेपी नड्डा ने इसकी घोषणा की. मीनापुर से वर्तमान विधायक दिनेश कुशवाहा के बेटे को टिकट दिया गया है, वहीं इस्लामपुर से जदयू से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए राजीव रंजन को िटकट नहीं िदया गया है. इस्लामपुर से भाजपा ने वीरेंद्र गोप को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा का इन 11 सीटों पर अपना कोई विधायक नहीं है. भाजपा तीन बार लिस्ट जारी कर 153 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है. पहली लिस्ट में 43, दूसरी लिस्ट में शनिवार को 99 और रविवार को तीसरी सूची में 11 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है.
हम ने जारी किये सात नाम
पटना. हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर ने सात अन्य उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसका एलान किया. 13 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान पहले ही कर दिया गया था. एनडीए गंठबंधन में हम को मिaली 20 सीटों पर उसने सभी पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं. रविवार को 12 एम स्टैंड रोड स्थित आवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा की गयी. मांझी ने कहा कि कुछ सीटों पर अभी विवाद है, उसे सुलझा लिया जायेगा. प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मंत्री वृशिण पटेल, नरेंद्र सिंह, लवली आनंद, प्रवक्ता डा. दानिश रिजवान समेत अन्य मौजूद थे. हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर ने अपने कोटे की 20 सीटों में से पांच सीटों पर दलितों को टिकट दिया है. इसके अलावा मुसलिम जाति को चार, भूमिहार को चार, यादव को दो, कुशवाहा को दो, राजपूत को एक, कुर्मी को एक और तेली जाति को एक टिकट दिया है. इसके अलावा चार महिलाओं को भी टिकट दिया गया है.
हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मखदुमपुर के साथ-साथ इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. इसकी जानकारी हम के प्रवक्ता डा. दानिश रिजवान ने दी. उन्होंने बताया कि एनडीए में हम को मिली 20 सीटों पर पार्टी ने पहले ही उम्मीदवार उतार दिया है. भाजपा ने इमामगंज सीट हम को दी है. इस आधार पर हम 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रहा है. इमामगंज से विधानसभा के स्पीकर उदय नारायण चौधरी विधायक हैं.
मांझी ने भाजपा से मांगे तीन और टिकट
पटना. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भाजपा से तीन और विधानसभा की सीट मांगी है. उन्होंने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दीघा की विधायक पूनम देवी, विधानसभा अध्यक्ष की सीट इमामगंज तथा चकाई की सीट भाजपा को छोड़ देनी चाहिए. इमामगंज की सीट को जदयू से कोई खास ही छीन सकता है. मांझी ने कहा कि दीघा से भाजपा ने अपना उम्मीदवार दिया है, जिससे वर्तमान विधायक पूनम देवी का टिकट कट गया है. इस पर भाजपा विचार करे या पूनम देवी को कहीं और से मौका दे.

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