लालू ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को ललकारा
नयी दिल्ली : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर पुनर्विचार करने वाले बयान पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, अगर माई का दूध पिया है तो आरक्षण खत्म करके बताओ किसकी कितनी ताकत है पता चल जायेगा. आरएसएस प्रमुख के इस बयान पर कई राजनीतिक […]
नयी दिल्ली : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर पुनर्विचार करने वाले बयान पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, अगर माई का दूध पिया है तो आरक्षण खत्म करके बताओ किसकी कितनी ताकत है पता चल जायेगा.
तुम आरक्षण खत्म करने की कहते हो,हम इसे आबादी के अनुपात में बढ़ायेंगे.माई का दूध पिया है तो खत्म करके दिखाओ?किसकी कितनी ताकत है पता लग जायेगा
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 21, 2015
आरएसएस प्रमुख के इस बयान पर कई राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी . कांग्रेस के कई नेताओं ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आरएसएस प्रमुख का बयान बताता है कि वह किस एजेंडे पर काम कर रहे हैं. आजादी के बाद से ही देश में कई ऐसी जातियां है जिनकी आर्थिक औऱ शैक्षणिक स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में इस तरह का बयान उनकी मंशा जाहिर करता है. हालांकि जातिगत आरक्षण से आगे बढ़कर आर्थिक रूप से आरक्षण पर चर्चा करनी चाहिए.
तथाकथित चाय बेचने वाला, हाल ही में पिछड़ा बना मोदी बतायें कि वो अपने आका मोहन भागवत के कहने से आरक्षण खत्म करेंगे की नहीं ?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 21, 2015
लालू यादव ने आरएसएस को लगभग चुनौती देते हुए कहा कि आरएसएस,बीजेपी आरक्षण खत्म करने का कितना भी सुनियोजित माहौल बना ले देश का 80 फ़ीसदी दलित, पिछडा इनका मुंहतोड़ करारा जवाब देगा. तुम आरक्षण खत्म करने की कहते हो,हम इसे आबादी के अनुपात में बढ़ायेंगे.माई का दूध पिया है तो खत्म करके दिखाओ?किसकी कितनी ताकत है पता लग जायेगा. तथाकथित चाय बेचने वाला, हाल ही में पिछड़ा बना मोदी बतायें कि वो अपने आका मोहन भागवत के कहने से आरक्षण खत्म करेंगे की नहीं ?
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के मुखपत्र में गुजरात में पटेलों के आरक्षण की मांग पर इशारों में चर्चा करते हुए लिखा एक बार फिर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि आरक्षण का इस्तेमाल कभी भी राजनीतिक हितों के लिए नहीं होना चाहिए. पिछले कुछ दिनों से पटेल का आरक्षण पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है. पटेल आरक्षण की मांग को लेकर एकजुट हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पटेलों की मांग पर अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ी थी, उन्होंने शांति बनाये रखने की अपील की थी. गुजरात में राज्य सरकार को भी डर था कि यह हिंसक रूप ना ले. इसी आंदोलन पर आरएसएस प्रमुख ने बयान देते हुए कहा था कि इस पर एक बार फिर पुनर्विचार करना चाहिए.