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नीतीश बोले, भोज मैंने नहीं, सुशील मोदी ने किया था रद्द

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एक न्यूज चैनल की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि बार-बार नरेंद्र मोदी के भोज को उनके द्वारा रद्द करने की बात अनेक मंचों से की जाती रही है. इसको लेकर उनपर तरह-तरह के आरोप लगाये गये है. जबकि वास्तविकता यह है कि उन्होंने भाजपा […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एक न्यूज चैनल की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि बार-बार नरेंद्र मोदी के भोज को उनके द्वारा रद्द करने की बात अनेक मंचों से की जाती रही है. इसको लेकर उनपर तरह-तरह के आरोप लगाये गये है. जबकि वास्तविकता यह है कि उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी के कहने पर भोज का आयोजन किया था और उन्हीं ने बाद में भोज में आने से इनकार कर दिया था. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर भोज रद्द करने पर इतनी ही आपत्ति थी तो 2010 का विधानसभा चुनाव भाजपा ने जदयू के साथ क्यों लड़ा और लोकसभा का चुनाव भी अलग होकर ही लड़ने पर विचार क्यो नहीं किया गया. इसके साथ ही नीतीश ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से अलग रहने के दौरान भी उन्होंने कभी जंगलराज शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था. विकास के मुद्दों पर बहस करने के बजाय भाजपा द्वारा इस तरह के मामलों पर बात करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.

सुंदर पंडाल में भोज के आयोजन का सारा खर्च जदयू ने वहन किया

नीतीश कुमार ने कहा कि 2010 के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिस्सा लेने नरेंद्र मोदी पटना आये थे. सुशील मोदी के कहने पर उन्होंने भोज का आयोजन किया था. इसके लिए सुंदर पंडाल बनवाया गया था. भोज के लिए खाना भी तैयार कर लिया गया. बाद में सुशील मोदी ने ही भोज के कार्यक्रम को रद्द कर दिया और 2010 में हुए इस घटना का जिक्र आज किया जा रहा है. अगर भाजपा नेताओं को इस घटना से इतना दुख पहुंचा था तो उन्होंने जदयू के साथ विधानसभा और लोकसभा का चुनाव क्यों लड़ा. जदयू ने इस कार्यक्रम में होने वाले सारे खर्च का वहन किया था. नीतीश कुमार ने कहा कि सुशील मोदी मेरे सहयोगी थे और उन्हीं के कहने पर भोज का आयोजन किया गया और उन्हीं के कहने पर इसे रद्द किया गया. जबकि आज आरोप मुझ पर लगाया जा रहा है.

विकास पर कोई बहस नहीं करना चाहता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विकास के मुद्दे पर कोई बहस नहीं करना चाहता है. जंगलराज पार्ट-2 की बात कह कर विकास जैसे अहम मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने का प्रयास किया जा रहा है. नीतीश कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद के साथ आने के पहले भी उन्होंने कभी जंगलराज की बात नहीं की थी. उन्होंने कहा कि आज बिहार में महिलाएं घर से बाहर निकलने में संकोच नहीं करती है. कोई भी व्यक्ति राज्य के किसी भी हिस्से में किसी भी वक्त सफर करने में संकोच नहीं करता है. वक्त बदलने के साथ लोगों की सोच में बदलाव आया है. आज बिहार की जनता विकास चाहती है, जो हो रहा है. उन्होंने कहा कि विकास का कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा. राजद-जदयू-कांग्रेस के बीच गठबंधन के तहत उन्हें ही आगे भी नेतृत्व करने का जिम्मा सौंपा गया है. इसलिए वे दावे के साथ कह सकते है कि चुनाव के बाद भी विकास के कार्यक्रमों को जारी रखेंगे और इसमें कोई व्यवधान नहीं आयेगा.

भाजपा की संस्कृति मर्यादा का पालन नहीं करने वाली
सुशील मोदी के आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की संस्कृति मर्यादा का पालन नहीं करने वाली हो सकती है. नीतीश कुमार ने कहा कि सहयोगियों के साथ काम करने के बाद उन पर टिका टिप्पणी करने को वे उचित नहीं मानते है. बिहार में कानून का राज है और यह जारी रहेगा. मैं इस मामले में कोई समझौता नहीं कर सकता और ना ही यह संभव है.

रामविलास पर साधा निशाना
लालू प्रसाद के साथ हाथ मिलाने को लेकर भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान आज भाजपा के साथ क्यों खड़े है. उन्होंने कहा कि कभी गोधरा कांड का हवाला देकर अटल सरकार से इस्तीफा दे चुके रामविलास आज भाजपा के साथ क्यों है. इस बारे में भाजपा नेताओं को सफाई देनी चाहिए.

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