बोले अमित शाह, आरक्षण पर BJP कोई पुनर्विचार नहीं कर रही
पटना : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि आरक्षण पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा कही गयी बातों पर भाजपा ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अब तो लालू प्रसाद व नीतीश कुमार कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी के बयान पर जवाब दें, जिसमें […]
पटना : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि आरक्षण पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा कही गयी बातों पर भाजपा ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अब तो लालू प्रसाद व नीतीश कुमार कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी के बयान पर जवाब दें, जिसमें उन्होंने कहा है कि आरक्षण की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव पर विचार हो.
क्या नीतीश व लालू अब कांग्रेस से संबंध तोड़ेगे? क्या वे कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में नहीं जायेंगे? उन्होंने कहा कि भाजपा आरक्षण के सवाल पर कोई पुनर्विचार नहीं कर रही है. शाह मंगलवार को एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोल रहे थे.
अमित शाह ने बिहार चुनाव व इससे जुड़े मुद्दों के साथ- साथ अन्य बातों पर भी खुल कर अपनी बात रखी. महाराष्ट्र में मराठी जाननेवालों को टैक्सी चलाने का लाइसेंस देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की ओर से 1988 में लाया गया कानून था. जबसे महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनी है, तबसे 900 लोगों को लाइसेंस मिला है़
इनमें 700 हिंदीभाषी हैं. शाह ने कहा कि बिहार चुनाव में भाजपा का एकमात्र एजेंडा विकास है और इसी मुद्दे पर हम चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां भी एनडीए की सरकार है, वहां विकास नारा नहीं है, बल्कि जनादेश है.
उन्होंने बिहार के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे हमें मौका दें, हम बतायेंगे कि विकास कैसे होता है. बिहार को अंग्रिम पंक्ति का राज्य बनायेंगे. उन्होंने कहा कि हम नीतीश कुमार की सरकार में साथ थे, लेकिन अपनी मंशा व विजन के साथ खुल कर काम नहीं कर पाये. हमने एनडीए की सरकारवाली राज्यों में काम करके दिखाया है. कौन मुख्यमंत्री होगा, इस सवाल पर शाह ने कहा कि चुनाव में विकास मुद्दा है, चेहरा नहीं. हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं.
उन्होंने दावा किया कि बिहार में दो तिहाई से अधिक बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी. बिहार के लोग परिवर्तन के लिए तैयार बैठे हैं. हम बड़े मार्जिन के साथ जीत के प्रति आश्वस्त हैं. शाह ने कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में महागंठबंधन जैसा अनैतिक गंठबंधन नहीं देखा. लालू का सामाजिक न्याय परिवार न्याय है. एक सवाल के जवाब में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा जाति के आधार पर चुनाव नहीं लड़ती है. हम विकास के आधार पर चुनाव लड़ेंगे और जो पिछड़े हैं, उन्हें आगे भी लायेंगे.
विशेष पैकेज की चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि नीतीश कुमार ने इसके लिए धन्यवाद के दो शब्द भी नहीं कहे. उन्होंने कहा कि पैकेज को क्रियान्वयन का काम भी भाजपा की सरकार ही करेगी. केंद्र के पैकेज के बाद नीतीश कुमार ने 2.70 लाख करोड़ के विजन की बात कही.
सवाल यह है कि पैसा कहां से आयेगा? और यह विजन 10 साल में क्यों नहीं याद आया? वे जनता को भरमाना बंद करें. उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज देकर केंद्र सरकार ने कोई मदद नहीं की है, बल्कि अपना फर्ज निभाया है. कांग्रेस की चर्चा पर उन्होंने कहा कि मैं तो उसे राष्ट्रीय पार्टी मानता हूं, लेकिन उसकी जगह कहां है, यह उसने खुद तय कर ली है.
ओवैसी, मुलायम सिंह यादव व पप्पू यादव के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह आरोप अर्नगल है कि वे भाजपा को मदद पहुंचा रहे हैं. असल में वे हमारे धुर विरोधी हैं. जब इन लोगों को लगा कि महागंठबंधन हमारे मुकाबले में नहीं है, तब वे मैदान में आये.
एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि हर राज्य की राजनीति अलग होती है, इसलिए रणनीति भी अलग होगी. हम हार से शर्म नहीं खाते, बल्कि उससे सबक लेते हैं. अमित शाह ने कहा कि एनडीए ने तो उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी, लेकिन महागंठबंधन अब तक नाम नहीं दे पाया है़ शत्रुघ्न सिन्हा के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी स्टार प्रचारकों की सूची सामने नहीं आयी है. वे यहां क्यों नहीं हैं, यह तो वे बतायेंगे. बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे बहुत लाभ नहीं होनेवाला है. जिस भी राज्य को यह दर्जा मिला, उसे मात्र 10 हजार करोड़ का लाभ हुआ.
उन्होंने कहा कि महागंठबंधन राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार का विरोध कर रही है. डीएनए के सवाल पर शाह ने कहा कि नीतीश कुमार अर्नगल आरोप लगा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने राजनीतिक डीएनए की बात कही थी.