पटना : कल तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के आगे पीछे करने वाले आज आग उगल रहे हैं.आग उगल ही नहीं रहे हैं आग लगा भी रहे हैं. जी हां. इनके दिल जले नहीं हैं. टूट गए हैं. सपने टूटे हैं. उम्मीदें टूटी हैं. टूट गया है सियासत में शामिल होने का सपना. हालत ये है कि बिहार बिधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के मुद्दे पर सभी पार्टियों के अंदरखाने विद्रोह की आग सुलग रही है. कहीं-कहीं तो कार्यकर्ता इतने उबल रहे हैं कि पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ के अलावा आगजनी भी कर रहे हैं.ताजा मामला कांग्रेस पार्टी के मधुबनी कार्यालय का जहां गुस्से में आए कार्यकर्ताओं ने कार्यालय को काफी नुकसान पहुंचाया है.कार्यकर्ताओं ने कार्यालय में रखी कुर्सियों को आग के हवाले कर दिया वहीं जमकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की.
किसी भी पार्टी में हालात ठीक नहीं है.सुरक्षा के मद्देनजर पार्टी कार्यालय के सामने सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है.भाजपा कार्यालय का गुस्साए कार्यकर्ताओं द्वारा मेन गेट उखाड़ देने के बाद वहां सुरक्षा के लिहाज से बंदोबस्त कर दिया गया है. बीजेपी में कैलाशपति मिश्र की बहू को टिकट नहीं मिलने के बाद कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है.वहीं बक्सर से विधायक और पूर्व मंत्री सुखदा पांडेय के समर्थक हल्ला मचाए हुए हैं.कार्यकर्ताओं का कहना है कि टिकट वितरण में पार्टी के बिहार के कुछ नेता वरिष्ठ नेताओं को उनके उम्मीदवार के खिलाफ कान भर चुके हैं.इसलिए ऐसा हुआ है.
जेडीयू के कार्यालय का भी कुछ ऐसा ही हाल है.नीतीश कुमार उधर टिकट वितरण का एलान कर रहे थे बाहर नारेबाजी चल रही थी.जेडीयू कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी में सच्चे और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं दिया गया है.पार्टी के अंदर उन्हें टिकट दिया जा रहा है जो चमचागिरी में माहिर हैं. और दिन रात पार्टी अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं के आसपास चक्कर काटते हैं. कुल मिलाकर गमजदा पार्टी कार्यकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है और उनके गुस्से का शिकार नेता जी तो नहीं सामने पड़ने वाली कुर्सियां और पार्टी कार्यालय के सामान हो रहे हैं.