पप्पु यादव का चुनावी घोषणापत्र, सरकारी अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे में शामिल सांसद पप्पु यादव की पार्टी जनाधिकार मोर्चा ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है. पप्पु यादव की पार्टी के मेनिफेस्टो के मुताबिक आम लोगों के साथ समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा गया है. सांसद ने आज महागंठबंधन के सीट बंटवारे पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2015 9:07 PM

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे में शामिल सांसद पप्पु यादव की पार्टी जनाधिकार मोर्चा ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है. पप्पु यादव की पार्टी के मेनिफेस्टो के मुताबिक आम लोगों के साथ समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा गया है. सांसद ने आज महागंठबंधन के सीट बंटवारे पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि टिकट बंटवारे में जमकर पैसे का लेनदेन हुआ है. घोषणापत्र में गरीबों के लिए उच्च शिक्षा में मुफ्त पढ़ायी का इंतजाम करने का वादा किया गया है. इसके साथ छात्राओं के स्कूल में नामांकन के साथ बीमा की सुविधा और पूरे राज्य में 5 रूपये में भरपेट भोजन के लिए 300 जनआहार केंद्र खोलने के अलावा बीपीएल परिवारों को रंगीन टीवी और डीटीएच कनेक्शन,एक गाय देने का वादा किया गया है.

इसके साथ ही सांसद ने घोषणापत्र में ये भी जिक्र किया है कि सभी सरकारी अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ाई करें उसके लिए अलग से कानून लाया जाएगा. मेनिफेस्टो में जिला रोजगार केंद्र को ब्लॉक तक विस्तार देने के अलावा पुलिस बहाली में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा भी किया है. दो बेटियों वाले माता-पिता को सम्मान देने के साथ उनके नाम से 50-50 हजार की रकम जमा करने के प्रावधान का भी जिक्र किया गया है.

घोषणापत्र में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने के अलावा खेती के लिए किसानों को मुफ्त बिजली और बिहार में पूरी तरह शराब निषेध करने की बात भी कही गई है. सासंद पप्पु यादव ने एक निजी चैनलों से बातचीत में जानकारी देते हुए कहा कि गरीबों के पास पहले से बीबी होती है इसलिए मैं मनोरंजन के लिए टीवी भी दे रहा हूं.

पप्पु यादव तीसरे मोर्चे के प्रमुख घटक दल हैं जिन्हें 64 सींटे चुनाव लड़ने के लिए मिली हैं. पप्पु यादव के इस घोषणापत्र के सामने आने के बाद विवाद होने की संभावना बढ़ गई है. क्योंकि बयान आते ही मीडिया में चर्चा का बाजार गर्म है कि ये घोषणापत्र पूरी तरह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

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