अब्दुल बारी सिद्दीकी के हाथ आयी बिहार क्रिकेट संघ की कमान
बीसीए चुनाव में सिद्दीकी गुट रहा हावी पटना : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) का चुनाव बुधवार को संपन्न हुआ. पूर्व न्यायधीश धर्मपाल सिन्हा के देखरेख में यह चुनाव पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग के पटना स्थित कार्यालय में हुआ.नौ पदों पर हुए चुनाव में आठ पद राजद नेता अब्दुल […]
बीसीए चुनाव में सिद्दीकी गुट रहा हावी
पटना : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) का चुनाव बुधवार को संपन्न हुआ. पूर्व न्यायधीश धर्मपाल सिन्हा के देखरेख में यह चुनाव पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग के पटना स्थित कार्यालय में हुआ.नौ पदों पर हुए चुनाव में आठ पद राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी की टीम ने जीता. ऑफिस बियरर (अध्यक्ष, सचिव, कार्यकारी अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और पांच उपाध्यक्ष) के पदों के लिए हुए इस चुनाव में अब्दुल बारी सिद्दीकी अध्यक्ष, ललितेश्वर प्रसाद वर्मा कार्यकारी अध्यक्ष, रवि शंकर प्रसाद सिंह सचिव, राम कुमार कोषाध्यक्ष चुने गये.
इसके अलावा पांच उपाध्यक्षों के पदों के लिए हुए चुनाव में गोपाल वोहरा, सुनील कुमार सिंह(भागलपुर) आनंद कुमार, सैयद मुमताजुद्दीन ने सिद्दीकी गुट की तरफ से बाजी मारी, जबकि एक सीट नवीन कुमार जमुआर के रूप में अजय नारायण शर्मा गुट को मिली. पूरी पारदर्शिता बरती गयी : धर्मपाल सिन्हा
चुनाव का रिजल्ट जारी करते हुए चुनाव पर्यवेक्षक पूर्व न्यायधीश धर्मपाल सिन्हा ने कहा कि चुनाव में पूरी तरह पारदर्शिता बरती गयी. वोटर लिस्ट पर हारनेवाले गुट द्वारा लगाये गये आरोप के बारे में उन्होंने कहा कि 24 मार्च, 2010 में बीसीए के दोनों के गुट के अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर की हुई लिस्ट सुप्रीम कोर्ट के पास थी. इसके अलावा दोनों गुट ने अपने-अपने मौजूदा वोटर की लिस्ट मुहैया करायी थी.
इनमें से जिन वोटरों के नाम पर विवाद नहीं था, उन्हें ही वोट करने का मौका दिया गया. उसके अलावा लाइफ टाइम मेंबर्स को भी वोट देने का अधिकार दिया गया. सिन्हा ने बताया कि कई जिलों के एक ही सदस्य द्वारा दोनों पदों (अध्यक्ष और सचिव) का वोटिंग करने की मांग की, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया. गौरतलब है कि नौ पदों के लिए हुए चुनाव में कुल 99 वोटर ही वैध निकले, बाकी या तो वोट देने के लिए योग्य नहीं थे या अनुपस्थित थे
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि यह खेल और खिलाड़ियों की जीत है. खेल भावना की जीत है. हम टीम के रूप में काम करेंगे और हमारी प्राथमिकता राज्य को बीसीसीआइ से पूर्ण मान्यता दिलाना होगा, ताकि राज्य के क्रिकेटरों को भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिले. विरोध भी टीम में जुड़ें.