राजगीर पर महागंठबंधन की चुप्पी

पटना : महागंठबंधन ने 242 प्रत्याशियों की घोषणा तो कर दी, लेकिन राजगीर सीट से जदयू ने अभी अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है. पार्टी के आला नेता इसका कारण बताने से बच रहे हैं और अगले दो-तीन दिनों में प्रत्याशी तय करने की बात कह रहे हैं. जदयू के सामने राजगीर से प्रत्याशी उतारना चुनौती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2015 7:11 AM
पटना : महागंठबंधन ने 242 प्रत्याशियों की घोषणा तो कर दी, लेकिन राजगीर सीट से जदयू ने अभी अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है. पार्टी के आला नेता इसका कारण बताने से बच रहे हैं और अगले दो-तीन दिनों में प्रत्याशी तय करने की बात कह रहे हैं. जदयू के सामने राजगीर से प्रत्याशी उतारना चुनौती भरा कदम है.
राजगीर सीट पर भाजपा और उसके विधायक सत्यदेव नारायण आर्य का का एकक्षत्र राज रहा है. जनसंघ के संस्थापकों में से एक सत्यदेव नारायण आर्य ने 1972 में पहली बार राजगीर से किस्मत आजमायी थी.
पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और वे तीसरे स्थान पर रहे थे. इसके बाद उन्होंने क्षेत्र में पकड़ बनायी कि 1977 के चुनाव में वे 23 हजार से ज्यादा मतों से विजयी हुए. 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर उन्होंने जीत की हैटट्रिक भी लगायी. तीनों चुनावों में उन्होंने सीपीआइ के प्रत्याशी को हराया. 1990 के विधानसभा चुनाव में वे सीपीआइ प्रत्याशी चंद्रदेव प्रसाद हिमांशु से हार गये थे. इसके बाद 1995 में फिर से आर्य को जीत मिली.
उन्होंने 2000, फरवरी 2005, नवंबर 2005, 2010 के चुनावों में भी लगातार जीत हासिल की. पिछले 20 साल से वे बिना हारे विधायक बने हुए हैं. 2000 से 2010 तक के चुनाव में जदयू-भाजपा साथ लड़ी थीं. महागंठबंधन में यह सीट जदयू को गयी है. अब जदयू के पास भाजपा और सत्यदेव नारायण आर्य के किले को तोड़ने की बड़ी चुनौती है.
जदयू किस पर दांव खेले, इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका है. वहीं, खबर आ रही है कि जदयू पुलिस इंस्पेक्टर रवि ज्योति पर दावं खेल सकता है. रवि ज्योति ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी है. कुछ विभागीय कार्यवाही के बाद उन पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है.
-: राजगीर विधानसभा क्षेत्र : –
विधानसभा चुनाव सत्यदेव नारायण आर्य
1972 तीसरा स्थान
1977 जीते
1980 जीते
1985 जीते
1990 दूसरा स्थान
1995 जीते
2000 जीते
फरवरी 2005 जीते
नवंबर 2005 जीते
2010 जीते

Next Article

Exit mobile version