बगावत की आग में झुलस रहे सभी दल
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में दस जिलों की 49 सीटों पर नामांकन का काम खत्म हो चुका है. नाम वापसी 26 सितंबर तक होगी. पर बागी उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में उतरने से किसका खेल बिगड़ेगा और किसका बनेगा, यह आने वाला वक्त बतायेगा. पहले चरण की सीटों में से करीब आधी सीटों […]
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में दस जिलों की 49 सीटों पर नामांकन का काम खत्म हो चुका है. नाम वापसी 26 सितंबर तक होगी. पर बागी उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में उतरने से किसका खेल बिगड़ेगा और किसका बनेगा, यह आने वाला वक्त बतायेगा.
पहले चरण की सीटों में से करीब आधी सीटों पर बड़े दलों को बागियों से सामना करना पड़ रहा है. दलों के भीतर तो बागी हैं ही, गंठबंधन में कई सीटों पर भी टकराव है. इससे चुनावी मुकाबला खींचतान वाला बनता जा रहा है. इस संदर्भ में जानिए पहले चरण की 22 महत्वपूर्ण सीटों का हाल.
समस्तीपुर
भाजपा के बागी ने खड़ी की मुश्किल
समस्तीपुर विधानसभा क्षेत्र पर निगाह डालें तो यहां भाजपा प्रत्याशी रेणु कुशवाहा को अपने ही दल से बगावत का सामना करना पड़ सकता है. भाजपा नेता चंदन कुमार ने पार्टी से अलग राह अपना कर यहां मुश्किल खड़ी कर दी है.
असर : कार्यकर्ताओं के उदासीन होने का खतरा
कल्याणपुर
जदयू और लोजपा की बढ़ी मुश्किलें
लोजपा के प्रिंस कुमार को अपने ही दल की रेखा देवी, संतोष पासवान से सामना करना पड़ेगा. इसी तरह जदयू प्रत्याशी महेश्वर हजारी के लिए उनके ही दल के कभी दलित प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे राम बालक पासवान ने मुश्किलें पैदा कर दी है.
असर:पार्टी एकजुट हो प्रचार नहीं कर पा रही.
वारिसनगर
भारतीय जनता पार्टी से बगावत
वारिसनगर में लोजपा प्रत्याशी चंदेश्वर राय यादव को बगावत का सामना करना होगा. गंठबंधन में सीट का बंटवारा कर लोजपा के खाते दिये जाने से नाराज भाजपा नेता बीके सिंह ने अलग राह पकड़ ली है.
असर : राजग में एकजुटता प्रभावित होगी.
मोहिउद्दीननगर
बागियों की बगिया ने चौंकाया
मोहिउद्दीननगर विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी एज्या यादव को पूर्व विधायक अजय कुमार बुल्गानीन तो भाजपा प्रत्याशी सत्येंद्र सिंह को अपने ही दल के राजेश सिंह से विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
असर : दोनों दलों के बागी प्रभावी
मोरवा
डैमेज कंट्रोल की कवायद में जुटी भाजपा
मोरवा विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी सुरेश राय को अपने ही दल से बगावत कर मैदान में उतरे अभय कुमार सिंह से भी मुकाबला करना होगा. हालांकि प्रत्याशी की राह आसान करने के लिए डैमेज कंट्रोल का दौर जारी है.
असर : अधिकृत प्रत्याशी के लिए परेशानी
गोविंदपुर
राजग में फूट से भाजपा परेशान
भाजपा की फूला देवी यादव के विरोध में भाजपा के श्रवण कुमार व रालोसपा के मो कामरान निर्दलीय मैदान में उतर गये हैं.
असर : दोनों एनडीए को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
नवादा
बागी से राजग मुश्किल में
रालोसपा ने इंद्रदेव पासवान को उतारा है. इससे नाराज होकर भाजपा के रंजीत कुमार सिंह ने शिव सेना से नामांकन-पत्र भर दिया है.
असर : इसका नारदीगंज प्रखंड के कुछ क्षेत्रों में एनडीए पर असर हो सकता है,.
बखरी
भाजपा के बागी ने खड़ी की मुश्किल
भाजपा ने रामानंद राम को टिकट दिया है. उनके खिलाफ पार्टी के सुरेंद्र पासवान खड़े हो गये हैं. दलित सेना के दासो पासवान भी बागी हो गये हैं.
असर : एक साथ दो-दो बागियों से निबटना आसान नहीं.
मटिहानी
भाजपा के बागी ने खड़ी की मुश्किल
भाजपा ने यहां से सर्वेश कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है. इसके विरोध में भाजपा के पुराने नेता ललन प्रसाद सिंह ने नामांकन भर दिया है.
असर : भाजपा को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
चकाई
लोजपा के खिलाफ हम
लोजपा के विजय सिंह का विरोध करते हुए हम के साथ रहे सुमित कुमार सिंह ने निर्दलीय नामांकन किया है. सुमित यहां से जदयू के विधायक हैं.
असर : लोजपा प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
जदयू के खिलाफ कांग्रेस
जदयू के मेवालाल चौधरी का मुखालफत करते हुए कांग्रेस के संजय कुमार ने झामुमो के टिकट पर नामांकन किया है.
असर : इससे महागंठबंधन को नुकसान हो सकता है.
जमालपुर
महागंठबंधन में फूट
जदयू के शैलेश कुमार का विरोध करते हुए राजद के संजय कुमार सिंह व कांग्रेस के संजय यादव ने निर्दलीय नामांकन किया है.
असर : ये महागंठबंधन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
गोपालपुर
भाजपा के बागी ने खड़ी की मुश्किल
भाजपा के अनिल यादव के विरोध में पूर्व विधायक अमित राणा और सुरेश भगत ने बतौर निर्दलीय नामांकन किया है.
असर : दोनों भाजपा प्रत्याशी को परेशानी में डाल सकते हैं.
मुंगेर
हम के बागी से सभी परेशान
सुबोध वर्मा हिन्दुस्तानी अवाम मोरचा के जिला संयोजक हैं. इन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है.भाजपा के पीके यादव उम्मीदवार हैं.
असर : महागंठबंधन व एनडीए को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
बिहपुर
राजद के लिए मुश्किल बने लड्डू
राष्ट्रीय जनता दल के लाल बहादुर शास्त्री उर्फ लड्डू सिंह ने निर्दलीय नामांकन किया है. राजद की वर्षा रानी यहां से उम्मीदवार हैं.
असर : सांसद बुलो मंडल के सबसे करीबी.
अमरपुर
भाजपा के बागी मुश्किल में राजग
भाजपा के बागी सुरेंद्र सिंह कुशवाहा ने निर्दलीय के रूप में नामांकन किया है. ये क्षेत्र के पुराने जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं.
असर : कुशवाहा मतदाताओं में अच्छी पकड़
हम और भाजपा के बागी
हम के बागी गणोश पासवान ने सपासे नामांकन भरा है. भाजपा के बागी श्रीकांत रजक ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है.
असर : दोनों बागी राजग को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
रोसड़ा
कांग्रेस को अपनों से ही लग रहा है डर
रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी डा. अशोक कुमार को यहां अपने ही दल की नेत्री से बगावत का सामना करना पड़ रहा है. यहां पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहीं सरिता देवी ने नामांकन कर दिया है.
असर : काग्रेस कार्यकर्ताओं में बना दो गुट
हसनपुर
दोनों दलों के बागियों ने राह में अटकाया रोड़ा
हसनपुर में रालोसपा प्रत्याशी विनोद चौधरी निषाद को घटक दल भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष मनोरंजन राय से निपटना होगा. वहीं महागंठबंधन की ओर से जदयू के प्रत्याशी राज कुमार राय को राजद के सुनील कुमार पुष्पम की चुनौती से भी निपटना होगा.
असर : बागियों ने बढ़ाई परेशानी
भागलपुर
चौबे के बेटे की राह में अपनों अपनों ने खड़ी की मुश्किल
भाजपा सीट पर पार्टी सांसद अश्विनी चौबे के बेटे को उम्मीदवार बनाये जाने के विरोध में भाजपा महानगर अध्यक्ष विजय साह और जिला उपाध्यक्ष निरंजन साह ने बतौर निर्दलीय के तौर पर नामांकन किया़ है.
असर : दोनों अश्चिनी चौबे के हैं करीबी
नाथनगर
राजद के बागी से जदयू की बढ़ी मुश्किल
जदयू से पूर्व लोस प्रत्याशी व वरिष्ठ नेता अबु कैसर ने जन अधिकार मंच व राजद के संजय कुमार ने निर्दलीय के रूप में नामांकन किया है.अबु कैसर की नाथनगर क्षेत्र में ठीक-ठाक पैठ. जबकि पप्पू यादव 20 वर्षों से राजद के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं.
असर : कार्यकर्ताओं में उहापोह की स्थिति
बेलहर
भाजपा के बागी ने खड़ी की मुश्किल
राजिकशोर प्रसाद उर्फ पप्पू यादव पूर्व में कटोरिया से भाजपा के विधायक थे. इस बार टिकट नहीं मिलने पर बेलहर विधानसभा से झामुमो की टिकट पर नामांकन किया है. मतदाताओं पर इनकी पकड़ है. ये भाजपा प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
असर : कार्यकर्ताओं के उदासीन होने का खतरा
कलाकारों को कब मिलेगी बिचौलियों से मुक्ति