पटना : हार्ट अटैक आने पर अनदेखी नहीं करनी चाहिए. जबड़े से लेकर नाभी तक कहीं भी दर्द हो. पसीना आये. वोमेटिंग हो. अगर अटैक आये तो सबसे पहले 350 एमजी की एक डिस्प्रीन चबा लें.
फिर सोर्बिट्रेड की पांच एमजी टेबलेट को चूसते हुए तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंच कर इलाज कराएं. ह्रदय रोग की किसी परेशानी को जांचने के लिए इसीजी और टीएमटी जरूर करा लेना चाहिए.
अटैक आने पर डॉक्टर जितनी जल्दी नस खोल कर उसका इलाज करायेंगे, उतनी जल्दी उनको राहत मिलेगी. इसके बाद इंप्रूवमेंट की संभावना भी अधिक होती है.
इसकी जानकारी पारस अस्पताल में आयोजित कॉफी विद् डॉक्टर कार्यक्रम में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ मनीष गुंजन ने दी. प्रभात खबर व पारस एचएमआइआइ द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित इस शृंखला के दूसरे भाग में डॉ मनीष शनिवार को राज्य भर से आये सैकड़ों मरीजों व उनके परिजनों से सीधी बातचीत कर रहे थे.
इसमें डॉ मनीष की टीम के सदस्यों डॉ वैभव और डॉ विकास ने भी हिस्सा लिया. कार्यक्रम का संचालन तूलिका ने किया.