विवि शिक्षक नियुक्ति : हाइकोर्ट का फैसला, 2009 की गाइडलाइन से पीएचडी वालों का ही होगा इंटरव्यू
पटना. पटना हाइकोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि राज्य के विश्वविद्यायलों व कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए उन्हीं आवेदकों का इंटरव्यू लिया जायेगा, जिनके पास 2009 की यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी की डिग्री होगी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह के […]
पटना. पटना हाइकोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि राज्य के विश्वविद्यायलों व कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए उन्हीं आवेदकों का इंटरव्यू लिया जायेगा, जिनके पास 2009 की यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी की डिग्री होगी.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह के खंडपीठ ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया है. मंगलवार से ही बिहार लोक सेवा आयोग में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू शुरू हुआ है. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जिन आवेदकों के पास यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के आधार पर पीएचडी की डिग्री है, उन्हें राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) क्वालिफाइ करना अनिवार्य नहीं होगा.
कोर्ट के इस फैसले से 2009 की गाइडलाइन के पहले पीएचडी करनेवाले आवेदकों का रास्ता सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए बंद हो गया है. बिहार लोक सेवा आयोग ने 14 सितंबर, 2014 को सहायक प्रोफेसर के 3364 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसमें यूजीसी की संशोधित 2009 की गाइडलाइन के तहत पीएचडी करनेवालों से आवेदन करने को कहा गया था. बाद में 2007 के पहले पीएचडी करनेवालों के एक दल ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर कर इसमें सुधार की मांग की थी. कोर्ट ने 17 नवंबर, 2014 को 2009 की गाइडलाइन के बिना पीएचडी करनेवालों को भी प्रोविजनल आवेदन करने की छूट दी. कोर्ट ने कहा कि जिस समय इस याचिका पर फैसला होगा, उस समय का निर्देश प्रभावी होगा.
कोर्ट के इस फैसले से करीब एक लाख आवेदक प्रभावित होंगे.