नयी दिल्ली / पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू महागंठबंधन के सहयोगी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर जातिगत टिप्पणी को लेकर एफआईआर दर्ज होने के बाद जदयू इस मुद्दे पर संतुलन बनाने में जुट गया है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि सामाजिक न्याय के साथ समावेशी विकास बिहार के चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन का चुनावी मुद्दा है. वशिष्ठ नारायण ने ये भी कहा कि, जाति एक सचाई है. पिछडी जातियां हैं और अगडी जातियां हैं. मैं यह नहीं मानता की जाति ही सब कुछ है. विकास ज्यादा बडा मुद्दा है. बिहार में हमने जो काम किया है उन कायो’ के आधार पर हम जनता के बीच जाना चाहते हैं.
लालू प्रसाद यदाव के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि बिहार चुनाव में अगड़े और पिछड़ों के बीच सीधा मुकाबला है,सिंह ने इस बार जोर दिया कि गठबंधन के नेता नीतीश कुमार हैं. जदयू नेता ने कहा, नेतृत्व नीतीश कुमार का है. नीतीश के नेतृत्व का मतलब है विकास और इस मामले में उनके विचार. अगर हमारी सरकार सत्ता में वापस आयी तो यह सरकार उसी तरह न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर चलेगी जैसे कि पिछले दस साल के दौरान नीतीश कुमार का शासन चला है. नीतीश कुमार सुशासन और विधिसम्मत शासन के मुद्दों पर विभिन्न वगो’ के समर्थन से सत्ता में आये थे.
उन्होंने कहा, चुनावों के दौरान विभिन्न दल एक साथ आते हैं. इनमें से कुछ का जाति आधार होता है. लेकिन बिहार में चुनाव विकास के मुद्दे पर होगा. बिहार में विकास जाति से बडा मुद्दा है. मैं इस बात से सहमत हूं कि जो लोग अलग बात करते हैं उन्हें विकास के मुद्दे पर भी बात करनी होगी. गौरतलब हो कि लालू के बयान के बाद से बिहार में जातिगत गोलबंदी को लेकर सियासत तेज हो गयी है. और उसे लेकर लालू ने वैशाली के राघोपुर में अपने पुत्र तेजस्वी यादव के चुनाव प्रचार के दौरान एक जाति विशेष के लोगों से एनडीए को हराने की अपील की थी.