आस्था व लोकतंत्र का पर्व एक साथ

प्रशासन पर पर्व-त्योहार और मतदान की बेहतर व्यवस्था की चुनौती पटना : पटनावासी इस बार केवल आस्था के त्योहारी रंग में ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के महापर्व में भी जोर-शोर से शिरकत करेंगे. पटना जिले में विधानसभा चुनाव उस वक्त होगा, जब यहां त्योहारी मौसम शबाब पर होगा और पर्व की खुशियों के बीच लोकतंत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2015 1:40 AM
प्रशासन पर पर्व-त्योहार और मतदान की बेहतर व्यवस्था की चुनौती
पटना : पटनावासी इस बार केवल आस्था के त्योहारी रंग में ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के महापर्व में भी जोर-शोर से शिरकत करेंगे. पटना जिले में विधानसभा चुनाव उस वक्त होगा, जब यहां त्योहारी मौसम शबाब पर होगा और पर्व की खुशियों के बीच लोकतंत्र का महापर्व हर घर में मनाया जायेगा.
चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक पटना में मतदान 28 अक्तूबर को है. अभी एक अक्तूबर से इसके लिए उम्मीदवार नामांकन कर रहे हैं, जो आठ अक्तूबर तक जारी रहेगा. इसके बाद स्क्रूटनी होगी और फिर नाम वापसी की अंतिम तारीख 12 अक्तूबर आ जायेगी.
महालया के दिन नाम वापस लेने की अंतिम तारीख
12 अक्तूबर से ही दुर्गा पूजा शुरू हो रही है. 12 तारीख को ही महालया है. इसी दिन नामांकन वापसी की अंतिम तिथि भी रखी गयी है. 13 अक्तूबर को कलश स्थापना के साथ नवरात्र की शुरूआत होगी.
नवरात्र 21 अक्तूबर को खत्म होगा और इस दौरान पटना जिले में चुनाव प्रचारचरम पर होगा. राजधानी जिला होने के कारण यहां सारी पार्टियां अपनी ताकत झोंक देगी और त्योहार के दौरान आपको राजनीतिक किस्से एक से बढ़ कर एक सुनने को मिलेंगे. इसके बाद 22 को विजया दशमी है, रावण दहन भी इसी दिन होगा. इसके एक दिन बाद मुहर्रम है. यानी मुहर्रम के दो दिन बाद तक आपको चुनावी शोर सुनाई देगी, फिर शोर थमने के बाद 28 अक्तूबर को चुनाव होंगे.
रावण दहन कार्यक्रम की भी चुनौती
पिछले साल रावण दहन के दौरान हुए हादसे के बाद इस बार गांधी मैदान में आयोजित होने वाले इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने की बड़ी चुनौती प्रशासन के पास होगी.
प्रशासनिक अधिकारी कार्यक्रम में बेहतर आयोजन का दावा कर रहे हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि चुनावी कार्यों के बीच किस प्रकार प्रशासन बेहतर प्रबंधन करने में कामयाब होता है.

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