BJP का वादा, स्कूटी के साथ दो साल तक पेट्रोल भी फ्री

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने वादा किया है कि प्रदेश में एनडीए की सरकार बनने पर प्रथम श्रेणी से दसवीं और इंटर की परीक्षा पास करने वाली 5,000 छात्रओं को मेरिट के आधार पर स्कूटी दी जायेगी. इसके साथ ही उन्हें उसे चलाने के लिए अगले दो वर्षो तक पेट्रोल की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2015 5:56 PM

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने वादा किया है कि प्रदेश में एनडीए की सरकार बनने पर प्रथम श्रेणी से दसवीं और इंटर की परीक्षा पास करने वाली 5,000 छात्रओं को मेरिट के आधार पर स्कूटी दी जायेगी. इसके साथ ही उन्हें उसे चलाने के लिए अगले दो वर्षो तक पेट्रोल की राशि भी दी जायेगी. उन्होंने यह भी कहा कि गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन भी मुफ्त में दिया जायेगा. गौर हो कि इससे पहले सुशील मोदी ने स्कूटी देने की बात कही थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे पूछा था कि स्कूटी के लिए पेट्रोल कहां से आयेगा.

बाका, भागलपुर और बेगूसराय जिलों में चुनाव प्रचार के लिए रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा गठबंधन की सरकार बनने पर दसवीं और इंटर की परीक्षा पास करने वाली 5,000 बालिकाओं को मेरिट के आधार पर स्कूटी तथा उसे चलाने के लिए दो वर्षों तक पेट्रोल की राशि भी दी जाएगी. सुशील ने कहा कि भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में छात्र-युवाओं के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम तय किये हैं. सरकार बनने पर सभी को प्राथमिकता के आधार पर कार्यान्वित किया जायेगा. हमने स्कूटी देने का वादा किया है, ऐसे में आपको पेट्रोल की चिंता होगी, लेकिन चिंता ना करें, स्कूटी के साथ पेट्रोल के लिए धन भी दिया जायेगा.

पत्रकारों की ओर से पूछे गये एक सवाल का जवाब देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों के कल्याण हेतु समर्पित रहेगी. समाज के कमजोर वर्गो को मुख्यधारा में लाना और उनका सशक्तीकरण करना उसकी प्राथमिकता होगी. बीपीएल परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन दिया जायेगा. सुशील ने आरोप लगाया कि भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वास्थ्य मंत्रलय भी संभाल रहे थे और उसी दौरान 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का दवा खरीद घोटाला हुआ. चिकित्सा उपकरणों की खरीद में भारी गड़बड़ी हुई. काली सूची में शामिल दवाई कंपनियों से सरकारी अस्पतालों में खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति करायी गयी.

Next Article

Exit mobile version