बयानों की आग : लालू, अमित शाह और ओवैसी पर प्राथमिकी
पटना : विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने पर चुनाव आयोग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है़ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा बेगूसराय के सिंघौल में 30 सितंबर को आयोजित चुनाव सभा में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को चारा चोर कहा था़ इस शब्द के इस्तेमाल पर […]
पटना : विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने पर चुनाव आयोग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है़ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा बेगूसराय के सिंघौल में 30 सितंबर को आयोजित चुनाव सभा में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को चारा चोर कहा था़
इस शब्द के इस्तेमाल पर अमित शाह के विरुद्ध लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत पांच अक्तूबर को प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वहीं, मंगलवार को इसी बयान को लेकर उनके खिलाफ जिला निर्वाची पदाधिकारी ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया.निर्वाचन विभाग के प्रवक्ता आर लक्ष्मणन ने इसकी पुष्टि की है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा चार अक्तूबर को लालू प्रसाद ने सिकंदरा में आयोजित सभा में अमित शाह को नरभक्षी शब्द से संबोधित किया था़ इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए सिकंदरा थाने में मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी़ लालू प्रसाद के विरुद्ध दूसरी प्राथमिकी पटना के सचिवालय थाने में दर्ज किया गया है, जिसमें कहा गया है कि वे एक अक्तूबर को अपने आवास से निकलते समय भी अमित शाह को नरभक्षी कहा था.
वहीं एमआइएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज जिले के कोचाधामन के सोनाथा हाइस्कूल में चार अक्तूबर को आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को शैतान, दरिंदा आदि शब्दों से संबोधित किया था़ इसे आदर्श संहिता का उल्लंघन मानते हुए ओवैसी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है़
आरोप: अमित शाह को नरभक्षी कहना
इन धाराओं में केस : 122/15 यूएस 177(सी)2(बी)/ 177 (एफ)/ 188 आइपीसी
सजा: एक साल जेल की सजा और 5000 तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान
अकबरुद्दीन ओवैसी
आरोप : पीएम नरेंद्र मोदी को शैतान दरिंदा कहना
इन धाराओं में केस : आइपीसी की 188, 153ए, 171सी एवं पीआरए की 125
सजा : एक साल जेल की सजा और 5000 तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान
अमित शाह
आरोप : लालू प्रसाद को चाराचोर कहना
इन धाराओं में केस: आइपीसी की धारा 504/505/171 जी और 188/171 जी व लोक प्रतिनिधित्व अिधनियम की धारा 125 के तहत मामला दर्ज
सजा : अधिकतम पांच साल की सजा