बिहार चुनाव : लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे, एनडीए को बढ़त

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान से एक सप्ताह पहले लोकनीति और सीएसडीएस की ओर से जारी चुनाव पूर्व सर्वे के मुताबिक महागंठबंधन के मुकाबले एनडीए को बढ़त मिलता दिखाया गया है. सितंबर के आखिरी सप्ताह में द इंडियन एक्सप्रेस एवं जनसत्ता के लिए विशेष रूप से लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2015 8:50 AM

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान से एक सप्ताह पहले लोकनीति और सीएसडीएस की ओर से जारी चुनाव पूर्व सर्वे के मुताबिक महागंठबंधन के मुकाबले एनडीए को बढ़त मिलता दिखाया गया है. सितंबर के आखिरी सप्ताह में द इंडियन एक्सप्रेस एवं जनसत्ता के लिए विशेष रूप से लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में एनडीए को महागंठबंधन के मुकाबले कम से कम चार प्रतिशत की बढ़त मिलता दिख रहा है. वहीं, इस सर्वे के मुताबिक सपा के नेतृत्व वाला तीसरा मोर्चा और पप्पू यादव कोई भी असर डालते हुए नहीं दिख रहे हैं. सर्वे के नतीजों के मुताबिक, वामपंथी पार्टियों और बसपा की स्थिति में और गिरावट दर्ज होगी. जबकि ओवैसी की पार्टी एएमएमआइएम इस चुनाव में कोई असर डालती दिख रही है.

सर्वे के मुताबिक, एनडीए को सवर्ण जातियों, अति पिछड़ी जातियों और दलितों के एक हिस्से, खासतौर पर पासवान समुदाय का समर्थन हासिल मिलता दिखाया गया है. जबकि महागंठबंधन बहुत हद तक यादव, कुर्मी-कोइरी और मुसलमानों के समर्थन पर निर्भर है. सर्वे के अनुसार शहरी इलाकों में एनडीए को महागंठबंधन पर भारी बढ़त मिलता बताया गया है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में महागंठबंधन एनडीए को कड़ी टक्कर मिल सकता है. इसके साथ ही तिरहुत, मिथिला और पूर्वी सीमांचल के इलाकों में महागठबंधन अच्छा प्रदर्शन करता दिख रहा है, जबकि भोजपुर और मगध क्षेत्र में एनडीए काफी आगे है.

सर्वे के मुताबिक मोदी की लोकिप्रयता के कारण एनडीए को फायदा मिल रहा है. केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी का सत्ता में होना राज्य के विकास में मददगार होगा, ऐसा लोग मान रहे है. वहीं, भाजपा के सहयोगी, खासकर पासवान और मांझी एनडीए के लिए दलितों का समर्थन लाएंगे. अति-पिछड़ी जातियों का लगभग आधा हिस्सा एनडीए का समर्थन करेगा.

इससे पहले इंडिया टुडे-सिसरो का सर्वे में भी एनडीए को बढ़त और नीतीश को सीएम के तौर पर पहली पसंद बताया गया था. इंडिया टीवी और सी-वोटर ने अपने सर्वे में नीतीश कुमार-लालू यादव के गंठबंधन को चुनावी जंग में एनडीए पर बढत बनाते हुए दिखाया है. इस सर्वे में भी विधानसभा चुनाव के पहले बिहार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के तौर पर पहली पसंद बनकर उभरे हैं. इंडिया टुडे-सिसरो के जनमत सर्वेक्षण के अनुसार एनडीए को 120 से 130 सीटें जीतकर सत्ता हासिल कर सकती है. सर्वेक्षण में जेडीयू-राजद गठबंधन को 102-110 सीटें मिलने के आसार हैं. जबकि अन्य को 10-14 सीटें मिल सकती हैं.

जबकि इससे पहले इंडिया टीवी व सी-वोटर के सर्वे के मुताबिक बिहार नीतीश, लालू व कांग्रेस का गंठबंधन मौजूदा हाल में बिहार में 116 से 132 सीटें जीत सकता है, जबकि भाजपा के नेतृत्व में लोजपा, आरएलएसपी व हम 94 से 110 सीटें जीत सकते हैं. जबकि दूसरे गंठबंधन या दल 13 से 21 सीटें जीत सकते हैं. बिहार विधानसभा चुनावों के एक ताजा सर्वे के मुताबिक बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन को दो तिहाई सीटें जीत सकता है, जबकि महागठबंधन को 64 सीटें मिल सकती हैं.

वहीं, जी न्यूज और जनता का मूड के सर्वे के मुताबिक एनडीए स्पष्ट रूप से 147 सीटों पर कब्जा करता दिख रहा है. जबकि महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस) को सिर्फ 64 सीटें मिलती दिख रही हैं. बची हुई 32 सीटों पर कांटे की टक्कर होगी. इन सीटों पर अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है.

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