लखीसराय / पटना : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बीफ को लेकर की गयी टिप्पणी को तूल देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से पूछा है कि क्या वे उनके विचारों से सहमत हैं.
सूर्यगढ़ा से भाजपा उम्मीदवार प्रेमरंजन पटेल के पक्ष में आज एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने पूछा लालू के बीफ और बकरे के मांस में कोई अंतर संबंधी टिप्पणी पर नीतीश और लालू क्यों चुप्पी साधे हुए हैं. चुप्पी साधने से काम नहीं चलेगा उन्हें जनता को बताना होगा कि वे लालू के विचारों से सहमत हैं या नहीं. उन्होंने पिछले 25 सालों में नीतीश और लालू पर अन्य राज्यों की तुलना में विकास के मामले बिहार को पीछे धकेल देने का आरोप लगाते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन के ये दोनों नेता आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर पुनर्विचार की जरुरत के बयान को लेकर भ्रम फैला रहे हैं.
शाह ने कहा कि भाजपा का अध्यक्ष होने के नाते वे या फिर लालू और नीतीश आरएसएस को बेहतर तौर पर जानते हैं. हमने स्पष्ट रुप से बता दिया है कि भाजपा नौकरियों में आरक्षण में बदलाव में विश्वास नहीं रखती. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर समस्तीपुर, मुंगेर, लखीसराय और शेखपुरा में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए शाह ने बिहार की दुर्दशा के लिए लालू और नीतीश के शासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि आज बिहार के लोगों को पढ़ाई, कमाई और दवाई के लिए बाहर जाना पडता है.
शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने वर्ष 2010 में जदयू और भाजपा को मिले जनादेश की पीठ में छूरा भोंकने का काम किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश ने ऐसा पिछले लोकसभा चुनाव के पूर्व प्रधानमंत्री बनने की महात्वकांक्षा को लेकर किया था. शाह ने नीतीश पर प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या जदयू का बिहार को छोडकर कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, उडीसा या पश्चिम बंगाल में पहुंच है. उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश केवल एक मुखौटा हैं, उसके पीछे तो लालू का जंगलराज है.