लालू ने चारा घोटाले का कालाधन छिपाने के लिए पाली गाय : सुशील मोदी
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्होंने गौसेवा के लिए नहीं बल्कि डेयरी व्यवसाय दिखाकर चारा घोटाले का कालाधन छिपाने के लिए कुछ गाये पाल ली हैं. सुशील ने ट्विट कर कहा कि लालू जब चारा घोटाले के बाद आय […]
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्होंने गौसेवा के लिए नहीं बल्कि डेयरी व्यवसाय दिखाकर चारा घोटाले का कालाधन छिपाने के लिए कुछ गाये पाल ली हैं.
सुशील ने ट्विट कर कहा कि लालू जब चारा घोटाले के बाद आय से अधिक संपति के मुकदमे मे फंस गए तो अपनी अवैध अर्जित संपति को वैध प्रमाणित करने के लिए डेयरी उद्योग की आड में कुछ गाये पाल ली. लालू की गौ पालन में आस्था नहीं इसलिए वह गोमांस खाने की बात करते हैं. वह बताये कि उनके बेटे-बेटियों को गोबर पाथना और दूध दुहना आता है या नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि मांस खाने वालों के लिए गाय और बकरे के मांस में कोई फर्क नहीं होता है, यह कहकर लालू ने स्वीकार कर लिया है कि वह भी यदा-कदा गाय के मांस का भक्षण करते हैं. बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने कहा कि चारा घोटाले की काली कमाई को वैधता प्रदान करने के लिए ही लालू यादव ने कहानी गढी थी कि राबडी देवी को दहेज में जो चार बाछी मिली थी उससे बढकर 40 गायें हो गयी जिसके दूध बेचने से इतनी संपति अर्जित हुई है.
उन्होंने आरोप लगाया कि लालू को बताना चाहिए कि उनके बेटों के पास 20 लाख की मोटरसाइकिल और 40 लाख से ज्यादा की बीएमडब्ल्यू गाडी कहां से आई. बिहार के कितने युवा हैं जो 20 लाख की मोटरसाइकिल और 40 लाख की बीएमडब्ल्यू गाडी की सवारी करते हैं. क्या यह चारा घोटाले का पैसा नहीं है. सुशील ने आरोप लगाया कि गाय चराने वालों, बकरी चराने वालों और चूहा पकडने वालों की डपटने वाले लालू प्रसाद अपने बेटे को मैट्रिक भी पास नहीं करा पाये. लालू के दोनों पुत्रों द्वारा दायर हलफनामें में उम्र में अंतर के बारे में उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख अपने बेटों की उम्र के विवाद में उट-पटांग तर्क देते हुए मतदाता सूची का हवाला देते हैं. लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि अगर मतदाता सूची में उनके नाम के आगे स्त्री अंकित हो तो क्या वह नामांकन पत्र में अपने को स्त्री बतायेंगे.
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि वह बताये कि क्या ऐसे लोगों के साथ ही बिहार में कानून का राज स्थापित करेंगे. सुशील ने आरोप लगाया कि अपने को राष्ट्रीय पार्टी कहने वाली कथित तौर पर भ्रष्टाचार की प्रतीक कांग्रेस बिहार में लालू के जंगलराज और नीतीश के अहंकार के सहारे अपनी नैया पार लगाना चाहती है. मगर अब तक उसका घोषणा पत्र भी जारी नहीं हो सका है. बिहार कांग्रेस की 11 सदस्यीय घोषणा समिति के चेयरमैन रामजतन सिन्हा पार्टी छोडकर जा चुके हैं. कांग्रेस की बिहार में हालत इतनी खराब है कि उसके उम्मीदवारों की सूची नीतीश कुमार को जारी करनी पडी.