बेटे को मैट्रिक भी पास नहीं करा सके लालू प्रसाद : मोदी

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि ‘गाय चराने वालों, बकरी चराने वालों, चूहा पकड़ने वालों ’ की हांक लगाने वाले लालू प्रसाद अपने बेटे को मैट्रिक भी पास नहीं करा पाये़ बेटों की उम्र के विवाद में उटपटांग तर्क देते हुए वोटर लिस्ट का हवाला देने वाले लालू यादव बताएं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2015 6:08 AM
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि ‘गाय चराने वालों, बकरी चराने वालों, चूहा पकड़ने वालों ’ की हांक लगाने वाले लालू प्रसाद अपने बेटे को मैट्रिक भी पास नहीं करा पाये़ बेटों की उम्र के विवाद में उटपटांग तर्क देते हुए वोटर लिस्ट का हवाला देने वाले लालू यादव बताएं कि अगर वोटर लिस्ट में उनके नाम के आगे ‘स्त्री’ अंकित हो तो क्या वह नामांकन पत्र में अपने को ‘स्त्री’ बतायेंगे? नीतीश कुमार बतायें कि क्या ऐसे लोगों के साथ ही वे बिहार में कानून का राज स्थापित करेंगे?
लालू प्रसाद जब चारा घोटाले के बाद आय से अधिक सम्पति के मुकदमे में फंस गए तो अपनी अवैध अर्जित संपत्ति को वैध प्रमाणित करने के लिए डेयरी उद्योग की आड़ में कुछ गायें पाल लिये़
अगर गो–पालन उनकी आस्था या गो–सेवा होती तो कभी गोमांस खाने की बात नहीं करते़ वे बताएं कि उनके बेटे–बेटियों को गोबर पाथना और दूध दूहना आता है क्या? ‘मांस खाने वालों के लिए गाय और बकरे के मांस में कोई फर्क नहीं होता है’ कह कर लालू यादव ने यह स्वीकार कर लिया है कि वे भी यदाकदा गाय के मांस का भक्षण करते हैं.
चारा घोटाले की काली कमाई को वैधता प्रदान करने के लिए ही लालू यादव ने कहानी गढ़ी थी कि राबड़ी देवी को दहेज में जो चार बाछी मिली थी, उसी से बढ़ कर 40 गायें हो गयी़ लालू यादव को बताना चाहिए कि उनके बेटों के पास 20 लाख की मोटरसाइकिल और 40 लाख से ज्यादा की बीएमडब्ल्यू गाड़ी कहां से आयी? बिहार के कितने युवा हैं, महंगी गाड़ी की सवारी करते हैं?
क्या यह चारा घोटाले का पैसा नहीं है? वहीं, अपने को राष्ट्रीय पार्टी कहने वाली भ्रष्टाचार की प्रतीक कांग्रेस बिहार में लालू यादव के जंगलराज और नीतीश कुमार के अहंकार के सहारे अपनी नैया पार लगाना चाहती है, मगर अब तक उसका घोषणा पत्र भी जारी नहीं हो सका है.
बिहार कांग्रेस की 11 सदस्यीय घोषणा समिति के चेयरमैन रामजतन सिन्हा पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं. कांग्रेस की बिहार में हालत इतनी पतली है कि उसके उम्मीदवारों की सूची नीतीश कुमार जारी करनी पड़ी.

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