जेपी की विरासत को अपना बनाने की कोशिश में बीजेपी
11 अक्तूबर को देश भर में मनेगी जेपी जयंती पटना : भाजपा ने सरदार पटेल,भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद के बाद राजेंद्र बाबू और राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर को अपना बनाने की कोशिश की है. पार्टी अब ताजा कोशिश लोकनायक जय प्रकाश नारायण की विरासत पर दावेदारी की कर रही है. चुनाव के इस मौसम […]
11 अक्तूबर को देश भर में मनेगी जेपी जयंती
पटना : भाजपा ने सरदार पटेल,भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद के बाद राजेंद्र बाबू और राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर को अपना बनाने की कोशिश की है. पार्टी अब ताजा कोशिश लोकनायक जय प्रकाश नारायण की विरासत पर दावेदारी की कर रही है. चुनाव के इस मौसम में भाजपा ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण की 113 वीं जयंती के अवसर पर कई कार्यक्रम घोषित किये हैं.
11 अक्तूबर रविवार को जेपी जयंती के दिन देश की राजधानी दिल्ली और सभी प्रदेशों की राजधानी तथा जिला मुख्यालयों पर भी जेपी जयंती समारोह आयोजित की जा रही है. इस दिन भाजपा के छोटे-बड़े नेता और केंद्रीय मंत्रियों को किसी न किसी कार्यक्रम में मौजूद रहने को कहा गया है. चुनाव के लिए पटना में कैंप कर रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 11 अक्तूबर रविवार को उनकी जन्म स्थली सिताब दियारा जायेंगे और उनकी याद में आयोजित समारोह मेें भाग लेंगे. इस बार 12 अक्तूबर को पहले चरण के मतदान के ठीक एक दिन पहले जेपी जयंती आयी है. इस अवसर को भाजपा देश के सभी राज्यों के राजधानियों में सेव द डेमोक्रेसी नाम से मनायेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक एनजीओ की ओर से आयोजित जयंती समारोह में दिल्ली के विज्ञान भवन में उपस्थित होंगे. विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, वेंकैया नायडू और पटना से सुशील कुमार मोदी को आमंत्रित किया गया है. सूत्र बताते हैं कि चुनाव प्रचार अभियान में लगे होने के कारण सुशील कुमार मोदी के इस समारोह में भाग नहीं लेंगे. सेव डेमोक्रेसी डे के मौके पर इस दिन आपातकाल के दौरान मीसा में गिरफ्तार किये गये लोगों को एकत्र कर यही बताया जायेगा कि कांग्रेस ने इंमरजेंसी में कितने जुल्म ढाहे थे.
समारोह में जेपी को गिरफ्तार किये जाने, मीडिया पर सेंशरशिप लगाने तथा भ्रष्टाचार पर जेपी के प्रहार जैसे कार्यों को याद किया जायेगा.भाजपा ने आदर्श आचार संहिता का मामला न बन जाये इसके लिए पटना समेत देश के सभी राज्यों की राजधानियों में भी लोकनायक की जयंती समारोह आयोजित करने का फैसला लिया है. राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि कांग्रेस मुक्त भारत का नारा देने वाली भाजपा इस बार बिहार चुनाव में लोकनायक की छवि को भुनाना चाहती है. इसके सेव डेमोक्रेसी डे के मौके पर लोगों को बताया जायेगा कि कांग्रेस ने चालीस साल पहले आपात काल लगाकर किस प्रकार लोकतंत्र की हत्या की थी.
नरेंद्र मोदी की सरकार ने जेपी को याद करते हुए उनके पैतृक गांव में स्मारक आदि के निर्माण का पहले ही निर्णय ले चुकी है. सिताब दियारा को आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद भी लिया गया है. दूसरी ओर जेपी आंदोलन के दिनों में मुखर रहे पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के अलग तर्क हैं. समाजवादी विचारधारा वाले शिवानंद कहते हैं, कांग्रेस मुक्त का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी लोकतंत्र का अपमान करना चाहते हैं.
शिवानंद का तर्क है कि जब हम सबने कांग्रेस को सत्त्ता से हटाने का िनर्णय लिया था उस समय कांग्रेस की हैसियत लोकसभ में तीन सौ से साढे तीन सौ सांसदों की हुआ करती थी. इस अभियान में समाजवादियों के साथ वाम दल और तत्कालीन जनसंघ भी रही थी. लेकिन, अब कांग्रेस की संख्या महज 44 सांसदों की रह गयी है. ऐसे में कांग्रेस मुक्त भारत में विपक्ष को खत्म कर देना कहीं से भी उचित नहीं है. जेपी की विचारधारा से कभी जनसंघ और भाजपा की आस्था नहीं रही.
जेपी की जयंती पर उनके आदर्शों का संकल्प लेगा जदयू
पटना : जदयू 11 अक्तूबर को लोक नायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उनके आदर्शों के पालन के लिए संकल्प लेगा. जदयू कार्यालय में एक समारोह का आयोजन किया जायेगा और जेपी की जयंती मनायी जायेगी. जदयू इसकी तैयारी कर रहा है. समारोह में कौन-कौन नेता शामिल होंगे उसे फाइनालाइज किया जा रहा है. इसकी जानकारी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दी.
उन्होंने बताया कि जेपी जयंती के दिन पार्टी और नेता जेपी के आदर्शों को याद करेंगे और अपने जीवन में संपूर्ण क्रांति के आदर्शों को उतारने का संकल्प लेंगे. इसके साथ-साथ वशिष्ठ नारायण सिंह खुद चरखा समिति जायेंगे और वहां श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे.
जयप्रकाश नारायण की जयंती पर राजद भी अपने कार्यालय में जयंती समारोह का आयोजन करेगा. इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद कम नजर आ रहा है. बिहार विधानसभा चुुनाव के कारण पार्टी के आला नेताओं का कार्यक्रम पहले से ही क्षेत्रों में लगा हुआ है. प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे भी चुनाव लड़ रहे हैं. वे भी समारोह में रहेंगे या नहीं, फाइनल नहीं हो सका है.
जयंती मनाने का नाटक
भाजपा का लोकनायक की आइडियोलोजी से कभी सरोकार नहीं रहा. लोकनायक की दृष्टि, उनकेविचार, उनकी विचारधारा सबसे भाजपा परहेज करती रही. अब चुनावी लाभ के लिए उनकी जयंती मनाने का नाटक कर रही है.
वशिष्ठ नारायण सिंह,
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष और आंदोलन के नेता
चुनावी लाभ के िलए जयंती
मुझे इस बार पहली बार लोकनायक के जयंती समारोह में भाग लेने के लिए किसी भी दल ने आमंत्रित नहीं किया है. मैं सक्रिय राजनीति से अलग हूं. इसलिए भी ऐसा हो सकता है. लेकिन भाजपा सिर्फ चुनावी लाभ के लिए जेपी की जयंती मना रही है. उसे जेपी के आइडियोलोजी से कुछ भी लेना देना नहीं है.
शिवानंद तिवारी, जेपी आंदोलन के नेता और पूर्व सांसद