मुझे गाली देने पहले डिक्शनरी में शब्द खोजते थे, अब तो फैक्ट्री बैठा ली है : नरेंद्र मोदी

औरंगाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद आज औरंगाबाद में अपनी सातवीं जनसभा की. इस दौरान उन्होंने लालू प्रसाद यादव व कांग्रेस के बहाने महागंठबंधन के नेता व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा जंगलराज शब्द का प्रयोग तो नीतीश जी ने ही किया था, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2015 10:17 AM

औरंगाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद आज औरंगाबाद में अपनी सातवीं जनसभा की. इस दौरान उन्होंने लालू प्रसाद यादव व कांग्रेस के बहाने महागंठबंधन के नेता व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा जंगलराज शब्द का प्रयोग तो नीतीश जी ने ही किया था, लेकिन आज जब हम यह शब्द बोलते हैं, तो लालू जी नहीं, नीतीश जी परेशान हो जाते हैं. उन्होंने लोगों से पचास पचास वोटर जोड़ने की भी अपील की. साथ ही जदयू, राजद व कांग्रेस से 60 साल के काम का हिसाब मांगा. उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि बिहार के नाम का डंका पूरी दुनिया में बजे. प्रभात खबर डॉट काम ने पीएम नरेंद्र मोदी के औरंगाबाद भाषण को शब्दश: कवर किया है. पढिए उनका पूरा भाषण :

औरंगाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन शब्दश:

मुझे औरंगाबाद आने का पहला सौभाग्य मिला है और ऐसी चमचमाती धूप की चमड़ी चीर दे, ऐसी भीड़ इतना ताप होने के बाद भी मुझे आशीर्वाद व प्यार देने के लिए जुटी है. मैं आपको नमन करता हूं. आपकाआशीर्वाद व प्यार ही मेरी पूंजी है. दूर दूर तक जहां तक मेरी नजर पहुंचती है, लोग ही लोग नजर आते हैं. मैं नहीं समझता हूं कि जहां लोग खड़े हैं, वहां मेरी आवाज पहुंचे रही होगी.

चुनाव में रैलियां बहुत होती हैं, लेकिन यह रैला है और उससे भी आगे बढ कर आंधी का रूप ले चुका है. भाइयों, यह चुनाव 21वीं सदी में बिहार विश्व के नक्शे पर कहां जगह बनायेगा, उसके लिए हो रहा है. कौन जीते कौन हारे, कौन पार्टी जीते कौन हारे कौन नेता हारे कौन जीते, इसके लिए यह चुनाव नहीं है. यह चुनाव इस बात का है कि नौजवानों का भाग्य कौन बदलेगा. बिहार को विकास की उंचाइयां पर कौन ले जायेगा.

इसलिए इस चुनाव में इस बार आप मतदान करें, तो यह जो महास्वार्थबंधन बना है, उसके इतिहास व भूतकाल को अच्छी तरह जान लें. ये लोग कौन हैं और क्यों इकट्ठे आये हैं. इन लोगों ने जो महस्वार्थ बंधन बनाया है, उन्होंने कभी न कभी बिहार में राज किया है. कांग्रेस ने 45 साल व लालू जी व नीतीश जी यानी बड़े भाई छोटे भाई ने 25 साल तक राज किया. तीनों ने मिल कर 60 साल में राज किये हैं.

बताइए 60 साल कम समय होता है, अरे 30 साल पहले जो देश आजाद हुए वे दुनिया में एक नंबर पर पहुंच गये और बिहार कहां हैं. इस बिहार ने दो रेलमंत्री लालू जी व नीतीश जी दिये. आप बताइए आपको कोलकाता जाना होता है, तो टिकट मिलता है क्या. जिन लोगों ने ऐसी सरकार चलायी हो उन पर भरोसा करना चाहिए क्या. आप इनको रोकेंगे, आप मेरी मदद करोगे. सब लोग हाथ उपर कर बोलें. देखिए 16 को मतदान है.

यहां आया एक एक आदमी5050 आदमी को लेकर बैठ जाये और माताओं बहनाओं को वोट करने समझाये. आपका यह मिजाज ही बदलाव लायेगा. इस बार बिहार के नौजवानों ने यहां का भाग्य बदलने का फैसला लिया है कि अब बिहार का भाग्य बदलना है.
इन तीनों को अपने काम का हिसाब देना चाहिए की नहीं. लेकिन ये सिर्फ मोदी मोदी जपते हैं. सुबह सुबह डिक्शनरी खोल कर गाली ढूंढते हैं मेरे लिए. अब तो उन्होंने फैक्टरी खोल ली है. बिहार के नौजवान का पलायन बंद होना चाहिए कि नहीं, कारखाना खुलना चाहिए कि नहीं, नौजवान को मां बाप की सेवा करने का मौका मिलना चाहिए की नहीं. अभी मैं दिल्ली से फरीदाबाद मैट्रो से गया. उस दौरान युवा मुझे आकर नमस्ते करते. मैं पूछता आप कहां से आये हो. पूछता क्या कर रहे हो, तो एक दो छोड उसमें सभी बिहार से थे. वे कह रहे थे कि हम नौकरी के लिए, इंटरव्यू के लिए आये हैं. वे कह रहे थे कि लेकिन कर्ज लेकर चुनाव में जायेंगे और इस सरकार को हटायेंगे.

अभी मैं अमेरिका गया था, वहां बिहार के लोग मिले. उन्होंने वे वहां कमाल किया है. वे वैसा यहां क्यों नहीं कर सकते हैं. दरअसल उन्हें मौका ही नहीं मिला है. युवाओं को बिहार की जवानी, बिहार को बदलने की दीवानी हो गयी है और उनकी रवानगी अब तय हो गयी है. यह जवानी ही उनकी रवानगी करेगी यह तय हो गया है.

आप मुझे बताइए बिहार के मुख्यमंत्री ने 2010 मेंआपसे कहा था कि बिहार के हर गांव में बिजली लाउंगा. और बिजली नहीं ला सका तो वोट मांगने नहीं आउंगा. वे बिना बिजली पहुंचाये वोट मांगने आ गये.

जब हम जंगल राज की बात कहते हैं तो लालू जी परेशान नहीं होते हैं, नीतीश कुमार परेशान हो जाते हैं. आप ही तो थे जिन्होंने लालू राज को जंगल राज कहा था. एक ही उद्योग था अपहरण करो. अपहरण करना ही उद्योग था या नहीं. त्योहार के समय घर से निकल पाते थे या नहीं. नयी गाड़ी ले पाते थे या नहीं, अगर ले लेते थे तो उठा कर ले जाते थे या नहीं. मांगने जाते थे तो पीटाई होती थी या नहीं.

जब से ये इनके साथ बैठे हैं, जनवरी से जुलाई महीने तक बिहार में चार हजार अपहरण हुए हैं. मुझे बताइए क्या ये अपहरण उद्योग फिर से चलने देना है. मुझे बताइए कल रात पटना में क्या हुआ. एक पुलिस अफसर को गोलियों से भून दिया, उसका कसूर केवल यह था कि वह पूछ रहा था कि आप कहां जा रहे हो.

भाइयों व बहनों मैं आपसे पूछ रहा हूं कि बिहार को बचाइए. बिहार बदलेगा तो पूरा देश बदल जायेगा. बिहार में वह ताकत है. हमने बिड़ा उठाया है. हमने 24 घंटे बिजली देने की बात कही है. 2022 जब भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे हम 24 घंटे बिजली देंगे. अकेले आपके औरंगाबाद जिले के लिए 300 करोड़ रुपये देने का निर्णय कर लिया है. पूरे बिहार को 3000 करोड़ देने का निर्णय कर लिया है.

मैंने बिजली देने का संकल्प लिया है. अफसरों को बुलाया, पूछा तो उन लोगों ने बताया कि पूरे देश में 18 हजार गांवों में बिजली नहीं है. मैंने पूछा सबसे ज्यादा कहां बिजली नहीं है. बताया चार हजार गांव अकेले बिहार के हैं. आप बताओ इस महास्वार्थबंधन को इसकी सजा देनी चाहिए की नहीं. अगर आपने मुझे सरकार बनाने का मौका दे दिया तो पहले मैं चार हजार गांव में बिजली पहुंचाउंगा. सरकार चलाना उनकी नीति नहीं है. वे 24 घंटे राजनीति में लगे रहते हैं. वे बिहार का भला नहीं कर सकते हैं. बिहार के लिए आठ हजार करोड़ रुपये देना तय किया था सरकार ने पंचवर्षीय योजना में. लेकिन ये वे पैसे ले नहीं पाये, तो भला यह आपका भला कैसे कर पायेंगे.

मैं कोई भी हिसाब लगाता हूं कि शौचालय सबसे ज्यादा कहां नहीं बने हैं तो नाम बिहार का आता है. अमीर के घर में शौचालय होता है या नहीं. शौचालय बनाने का काम हमने उठाया, पिछले एक साल में 95 लाख शौचालय बनाने का काम पूरा कर लिया है. आगे भी तेजी से काम चल रहा है. मां बहन की चिंता है, उन्हें अपमानित नहीं होना पड़े.

अमीर का बैंक खाता होता है या नहीं. गरीब बैंक जा पाता था क्या? हमने जन धन अभियान चलाया और गरीबों का खाता खोल दिया. गरीब को लगने लगा है कि साहूकार की जगह बैंक जा सकते हैं. हमने मुद्रा योजना लायी है कि छोटे छोटे काम करने वाले लोगों को इसका लाभ मिले. इसके तहत हमारी सरकार ने बिहार में तीन लाख लोगों को इसका लाभ दिया. पूरे देश में 26 हजार करोड रुपये इसके तहत दिये. हमने अभी एक महीने का एक रुपये का जीवन बीमा कार्यक्रम चलाया.

कल जब मैं नवादा में था, तो बताया गया कि एक मुसलिम परिवार ने यह योजना ली थी. अचानक महीने भर में उसे कुछ हो गया, तो उसके खाते में दो लाख रुपये आ गये. गरीब की ऐसे सेवा की जाती है.

मेरा एक सपना है कि 2022 में गरीब को खुद का घर मिले. पर, जब ऐसी सरकार हो जो कहे कि तुम फलाने हो, ढिकने हो, तुम्हें हम घुसने नहीं देंगे, तो फिर यह संभव होगा क्या? यह पूरा चुनाव जंगलराज बनाम विकासराज का है. आप विकास के लिए वोट दीजिए, दलित, पिछड़ाें, शोषित के भले के लिए वोट दीजिए. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की दो तिहाई बहुमत वाली सरकार बनाइए. आज पूरी दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है या नहीं. अमेरिका, भूटान, रूस, चीन में भारत का जय जयकार हो रहा है या नहीं.

आज पूरी दुनिया में हिंदुस्तान का डंका क्यों बज रहा है, मोदी, मोदी, मोदी के कारण नहीं बज रहा है, यह डंका सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों के कारण बज रहा है. आपने ऐसा काम किया है, आपने 30 साल बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी. आज मैं दुनिया में किसी नेता से मिलता हूं, गले लगाता हूं, तो उसे मोदी नहीं सवा सौ करोड़ भारतीय दिखायी देते हैं. आप बताइए बिहार का डंका बजना चाहिए या नहीं, बिहार की गूंज हर कोने में होनीचाहिए या नहीं. अगर आप ऐसा चाहते हैं तो दो तिहाई बहुमत से एनडीए की सरकार बनाइए. विकास के रास्ते खुल जायेंगे. यहां आया एक एक आदमी पचास पचास लोगों को समझायेगा और वोट करवायेगा.

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