बीजेपी ने अटल, आडवाणी और जोशी को डाला कोल्ड स्टोरेज में : नीतीश कुमार
बेगूसराय / समस्तीपुर / पटना : गोमांस के मुद्दे पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हमले का करारा जवाब देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को उन पर दोमुंहापन बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में पिछले वर्ष गोमांस का निर्यात काफी बढ गया है. […]
बेगूसराय / समस्तीपुर / पटना : गोमांस के मुद्दे पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हमले का करारा जवाब देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को उन पर दोमुंहापन बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में पिछले वर्ष गोमांस का निर्यात काफी बढ गया है.
भाजपा चाहती है विवाद पैदा करना
जद यू नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा दूसरी जगहों के मुद्दे बिहार लाना चाहती है ताकि विवाद पैदा कर उससे राजनीतिक लाभ हासिल कर सके. कुमार ने ट्वीट संदेश में कहा मोदी जी दोहरी बातें बोलते हैं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर उनके पहले वर्ष में गोमांस का निर्यात 15 . 4 फीसदी बढा है फिर भी वह बिहार चुनावों में गोमांस को मुद्दा बनाना चाहते हैं. आज अपनी चुनावी रैली के दौरान कुमार ने दावा किया कि गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहते गोमांस का काफी निर्यात हुआ.
गोमांस का निर्यात बढ़ा
कुमार ने समस्तीपुर में एक चुनावी रैली में कहा कि वर्ष 2003 में गुजरात से 10600 टन मांस निर्यात हुआ जो 2013 में बढकर 34990 टन हो गया. उन्होंने कहा कि बिहार में 1955 से ही गोहत्या प्रतिबंधित है और वह श्रीकृष्ण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में किया गया जिनकी प्रधानमंत्री ने कल बेगूसराय रैली में प्रशंसा की. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का बचाव करते हुए कुमार ने प्रसाद को शैतान कहने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की. उन्होंने दावा किया कि आरएलएसपी के एक सांसद ने भाजपा कार्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की छाती तोडने की धमकी दी थी.
दूसरे मुद्दा लाना चाहती है बीजेपी
कुमार ने आरोप लगाए कि 12 अक्तूबर से शुरु हो रहे राज्य चुनावों के दौरान नेता और कार्यकर्ताओं के आयात की तरह भाजपा दूसरे जगहों के मुद्दे बिहार लाना चाहती है ताकि विवाद को पैदा कर इससे वोट हासिल किया जा सके. महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कुमार ने बिजली को लेकर तंज कसने पर भी मोदी की जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा अगर मैंने बिजली की स्थिति नहीं सुधारी होती तो लोकसभा चुनावों के दौरान आपका नारा अबकी बार मोदी सरकार टीवी पर नहीं देखा जाता और आप प्रधानमंत्री नहीं बनते.
बिजली में हुआ है सुधार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि उन्होंने 2012 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर संबोधन में कहा था कि अगर वह बिहार में बिजली की स्थिति सुधारने में विफल रहे तो 2015 के विधानसभा चुनावों में वह लोगों से वोट मांगने नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा क्या राज्य में बिजली की स्थिति में सुधार नहीं आया है? 2005 में जहां 700 मेगावाट बिजली उपलब्ध थी वहीं आज यह 3100 मेगावाट हो गई है. पिछले दस वर्षों में बिहार में कुप्रशासन के मोदी के आरोपों पर प्रहार करते हुए कुमार ने कहा, ‘उन्हें शायद नहीं मालूम कि उनकी भाजपा भी साढे सात वर्षों तक मेरी सरकार का हिस्सा रही. कुमार ने आरोप लगाए कि अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को नये नेतृत्व ने कोल्ड स्टोरेज में डाल दिया है.