नगर निगम के खिलाफ क्या की कार्रवाई : कोर्ट

पटना: पटना हाइकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पूछा है कि उसने पटना नगर निगम के खिलाफ क्या कार्रवाई की, जब उसने बिना अनुमति के ही संपतचक में कचरा फेंकना शुरू कर दिया. न्यायाधीश नवीन सिन्हा व शिवाजी पांडेय के खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई की. इस दौरान खंडपीठ ने प्रदूषण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:30 PM

पटना: पटना हाइकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पूछा है कि उसने पटना नगर निगम के खिलाफ क्या कार्रवाई की, जब उसने बिना अनुमति के ही संपतचक में कचरा फेंकना शुरू कर दिया. न्यायाधीश नवीन सिन्हा व शिवाजी पांडेय के खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई की. इस दौरान खंडपीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पूरा ब्योरा उपलब्ध कराने के लिए कहा. मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी. कोर्ट को बताया गया कि 2011 के पहले तक नगर निगम राजधानी के कचरे को पहाड़ी क्षेत्र में एकत्र किया करते था.

इसके बाद कचरे को संपतचक में जमा किया जाने लगा. पिछली सुनवाई के दौरान बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि उसने इसकी अनुमति नहीं दी है. बोर्ड से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं लिया गया. संपतचक के स्थानीय लोगों ने लोकहित याचिका दायर कर कोर्ट से गुहार लगायी थी कि आबादीवाले क्षेत्र में कचरा जमा किया जा रहा है. इससे उनके स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ रहा है.

मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ वारंट
हाइकोर्ट ने फुलवारीशरीफ नगर परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ वारंट जारी किया है. न्यायाधीश नवीन सिन्हा व शिवाजी पांडेय के खंडपीठ ने विनोद बिहारी सिन्हा की लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि इलाके की कई नयी कॉलोनियों में बिजली उपलब्ध नहीं होती. यहां सीवरेज व ड्रेनेज की व्यवस्था भी नहीं है. कोर्ट ने इसे गंभीरता से नहीं लेने पर वारंट जारी करने का आदेश दिया. अगली सुनवाई छह मई को होगी.

फ्रैंकिंग मशीन नहीं लगने पर कोर्ट नाराज
हाइकोर्ट ने सभी अनुमंडल न्यायालयों में 25 मई तक फ्रैंकिंग मशीन लगाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने एक लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी. कोर्ट को बताया गया कि अभी नौगछिया, झंझारपुर, शिवहर, सुपौल व डिहरी आन सोन की अदालतों में फ्रैंकिंग मशीन नहीं लगायी गयी है. इस मशीन के नहीं होने से जाली स्टांप की बिक्री धड़ल्ले हो रही है.

इस संबंध में सरकार का कहना था कि कई भवनों में निर्माण कार्य चलने के कारण फ्रेंकिंग मशीन नहीं लगाये जा सके हैं.

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