पटना : महागठबंधन के नेताओं ने बुधवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत के निर्देश पर एनडीए सरकार आरक्षण नीति पर पुनर्विचार करेगी. कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार और राजद प्रवक्ता मनोज झा के साथ आज यहां संयुक्त रुप से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जदयू के राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा ने कहा कि भागवत ने तीन अवसरों पर आरक्षण मुद्दे को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं और उन्होंने गोरखपुर में दो दिनों पूर्व भी कहा था कि वह अपने रुख पर कायम हैं.
उन्होंने दावा किया कि आरएसएस की राजनीतिक शाखा होने के नाते उसका और उसके प्रमुख के द्वारा कही गयी बातों का पालन किया जाना उनके लिए ‘पत्थर की लकीर’ है. वर्मा ने कहा कि आरएसएस प्रमुख ने आरक्षण को लेकर अपने विचार पर कायम रहने की बात उस दिन ही कही जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई में उसे कायम रखे जाने की बात कही थी.
उन्होंने प्रधानमंत्री से आरएसएस प्रमुख के आरक्षण मुद्दे को लेकर व्यक्त किए गए विचार की सार्वजानिक रुप से निंदा किए जाने की मांग करते हुए कहा कि उनके ऐसा करने से जनता के बीच स्पष्ट संदेश जाएगा कि वे उनकी राय से सहमत नहीं हैं. वर्मा ने पिछड़े और दलित मतदताओं से बिहार विधानसभा चुनाव के बाकी चार चरणों में मतदान करने के समय आरएसएस और भाजपा के इस नापाक कोशिश को गंभीरतापूर्वक लेने की अपील की.
वहीं कुमार ने आरएसएस और भाजपा पर आरक्षण नीति के संवैधानिक प्रावधान के बाद से ही विरोध करने और हमेशा लोगों की आर्थिक स्थिति पर आरक्षण दिए जाने की वकालत करने आरोप लगाते हुए कहा कि यह तो संघ परिवार की विचारधारा का हिस्सा है और प्रधानमंत्री के यह कहे जाने कि वर्तमान आरक्षण व्यवस्था जारी रहेगी पर विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि उनकी कथनी और करनी में बड़ा अंतर होता है. उन्होंने ‘दाल में कुछ काला’ मुहावरे को दोहराते बढती हुई महंगाई पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वैसे भी दाल दिखायी नहीं दे रही है.
राजद प्रवक्ता मनोज झा ने दलितों और पिछडों की आबादी में वृद्धि के मद्देनजर आरक्षण के कोटा में वृद्धि किए जाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री से आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी पर अपनी चुप्पी तोडने को कहा. प्रधानमंत्री के दादरी घटना के काफी दिन बीत जाने पर उस पर अपनी चुप्पी तोडते उसे ‘दुर्भाग्यपूण’ बताए जाने पर महागठबंधन के इन नेताओं ने कहा कि ऐसा उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की टिप्पणी आने के बाद किया और अगर वे सही मायने में ऐसा मानते हैं तो भाजपा विधायक संगीत सोम और अपनी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि उक्त घटना के कारण भारत में सामाजिक आर्थिक स्थिरता को लेकर विश्व में गलत संकेत गए. राजद के कुछ नेताओं के रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद किए जाने की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर राजद प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि उनकी पार्टी का भ्रष्टाचार के मामले में ‘जीरो टोलेरेंस’ की नीति है और इस मामले में पार्टी नेतृत्व ने संज्ञान लिया है और कल उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.